नई दिल्ली। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल बायजू (Byju’s) से यह बताने के लिए कहा है कि उसने मार्च 2021 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए अपनी ऑडिटेड फाइनेंसियल रिपोर्ट क्यों नहीं दाखिल की है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने की शुरुआत में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने बायजू की मूल कंपनी को पत्र भेजकर इस देरी के लिए स्पष्टीकरण देने को कहा है।
बायजू(Byju’s) के अगले सप्ताह तक ऑडिटेड वित्तीय रिपोर्ट फाइल करने की उम्मीद है। बता दें कि बायजू 22 अरब डॉलर के वैल्यूएशन के साथ भारत का सबसे मूल्यवान स्टार्टअप है। रिपोर्ट के अनुसार, फाइलिंग में देरी कई कंपनियों के खातों को एक साथ जोड़ने के कारण हुई है, जिन्हें बायजू ने लेखा वर्ष के दौरान अधिग्रहित किया था।
मुश्किल में बायजू
एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी को वित्तीय वर्ष समाप्त होने के सात महीनों के भीतर अपना वार्षिक खाता विवरण दाखिल करना होता है। इस समयावधि के बाद प्रत्येक दिन की देरी के लिए अतिरिक्त शुल्क देना होगा। वार्षिक खाता रिपोर्ट को दाखिल करने में अत्यधिक देरी के मामले में, फर्म और उसके निदेशक पर जुर्माना लगाया जाता है। दो साल से अधिक की देरी होने पर फर्म या उसके निदेशकों पर मुकदमा भी दायर किया जाता है। बता दें कि 17 मार्च को बायजू ने घोषणा की कि उसने सुमेरु वेंचर्स, विट्रुवियन पार्टनर्स और ब्लैकरॉक से 800 मिलियन डॉलर (6,401 करोड़ रुपये) जुटाए हैं। कंपनी के संस्थापक और सीईओ बायजू रवींद्रन (Byju Raveendran) ने इस फंड रेज में 40 करोड़ डॉलर (3,200 करोड़ रुपये) का निजी निवेश किया था। जुलाई में कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम ने कहा कि उन्होंने गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) को बायजू(Byju’s) की जांच के लिए पत्र लिखा था। चिदंबरम ने अपने 2020-21 (FY21) वित्तीय विवरण दाखिल नहीं करने के आरोपों के बाद बायजू के खातों की जांच की मांग की थी।
कितनी बढ़ी बायजू की कमाई
बायजू(Byju’s) ने 2019-20 में 2,434 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक है। कंपनी ने 2019-20 में 51 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। यह पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 152 प्रतिशत अधिक है।