नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने गुरुवार की रात एक बड़ा फैसला लेते हुए ‘अग्निपथ’ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी। इस योजना के तहत भर्ती की न्यूनतम आयु 17.5 वर्ष और अधिकतम आयु 21 वर्ष है, लेकिन इस साल के लिए अधिकतम उम्र की सीमा में दो वर्ष की छूट दी गई है। योजना को लेकर बढ़ते विरोध के बीच सरकार ने इससे जुड़े तथ्यों को भी स्पष्ट किया है।
योजना को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम और आलोचनाओं को खारिज करते हुए सरकार ने कहा है कि इस योजना से न तो सेना की रेजीमेंट व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव होने जा रहा है और न ही सेना की क्षमता पर ही कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है। यह योजना सेना के साथ ही युवाओं के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी, क्योंकि चार साल की सेवा के बाद मिले आर्थिक पैकेज से युवाओं के सामने अपने भविष्य को संवारने के कई विकल्प होंगे।
आयु सीमा बढ़ाने को लेकर रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘इस तथ्य का संज्ञान लेते हुए कि पिछले दो साल के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हुआ है, सरकार ने 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती में एक बार छूट देने का फैसला किया है।’ उन्होंने आगे कहा कि इसी मुताबिक अग्निपथ योजना के तहत 2022 के लिए भर्ती की ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गई है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले दो सालों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। बाकी साल उम्र की सीमा साढे 17 से 21 साल ही रहेगी। बता दें कि एक तरफ जहां अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार ने क्रांतिकारी पहल करार दिया है। वहीं, दूसरी तरफ विपक्षी दल के साथ-साथ कई राज्यों में लोग खासकर युवा इस स्कीम के विरोध कर रहे हैं।
जानिए क्या है अग्निपथ योजना
देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 14 जून को ‘अग्निपथ’ नाम की योजना शुरू करने की घोषणा की है। इसमें चार साल के लिए सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती होगी। योजना के तहत चुने गए युवाओं को ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा और इस साल करीब 46 हजार युवाओं को सहस्त्र बलों में शामिल करने की योजना है। अग्रिनवीरों की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच होगी। बात करें वेतन की तो अग्निवीरों को 30 से लेकर 40 हजार प्रतिमाह वेतन मिलेगा। योजना के मुताबिक, भर्ती हुए 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे मौका मिलेगा, बाकी 75 फीसदी को नौकरी छोड़नी पड़ेगी।
आखिर देश के कई युवा क्यों कर रहें हैं विरोध
बता दें कि कई राज्यों में युवा इस योजना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार में सबसे ज्यादा विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला है। सेना में शामिल होने की तैयारियां कर रहे युवाओं का पक्ष है कि वो सालों तक खूब मेहनत कर सेना भर्ती होने ती तैयारियां करते हैं। ऐसे में चार साल की नौकरी उन्हें मंजूर नहीं है।
सेना की भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में उठा बवाल गुरुवार को देश के कई शहरों तक पहुंच गया। जयपुर, उत्तराखंड सहित कई राज्यों में अग्निपथ योजना के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। जयपुर में प्रदर्शनकारियों में शामिल युवाओं ने बताया कि केंद्र सरकार की इस योजना के चलते सेना में स्थाई भर्ती की जगह संविदा के तौर पर भर्ती होगी, जोकि हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इस योजना से ना सिर्फ युवाओं को नुकसान होगा, बल्कि सेना की गोपनीयता भी भंग हो सकती है।
बिहार के कई जिलें में हुए उपद्रव
देश के कई राज्यों में अग्निपथ योजना से अप्रसन्न युवाओं ने देश के विभिन्न हिस्सों में उत्पात मचाया और इस प्रदर्शन के दौरान पथराव एवं आगजनी की। बिहार के जहानाबाद में ट्रेन रोकी गई। कई छात्रों ने रेल ट्रेक जाम कर दिए। बिहार के नवादा में भी छात्रों ने भी हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है। अरवल, छपरा, बांका और बक्सर में भी विरोध प्रदर्शन हुए।
अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं से केंद्रीय मंत्रियों और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आग्रह किया है कि वे किसी के बहकावे में नहीं आएं। मंत्रियों ने इसे युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलने वाली योजना बताई है।