सिरसा| (सतीश बंसल) हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह ने कहा कि (Electricity Theft Fine) प्रदेश सरकार ने हरियाणा विद्युत विनियामक आयोग (एचईआरसी) की सिफारिश को खारिज करते हुए किसानों के बिजली चोरी जुर्माने में वृद्धि के आदेश को रद्द कर दिया है। इस संबंध में प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी पॉलिसी के अनुसार ही कार्य किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी स्पष्ट किया है कि एचईआरसी के आदेश मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं है। इसलिए हरियाणा सरकार ने यूएचबीवीएन द्वारा जारी बढ़ी दरों के सर्कुलर को वापस ले लिया है।
उन्होंने कहा कि पुराने नियम के अनुसार एक मेगावाट पर 2 हजार रुपये तथा इससे अधिक 10 मेगावाट तक 20 हजार रुपये जुर्माना करने का प्रावधान था और अब भी पुराने नियम में प्रदेश में लागू रहेंगे, सरकार द्वारा पुराने आदेशों को विड्रॉ कर लिया गया है, वे आदेश प्रदेश में लागू नहीं होंगे। बिजली मंत्री मंगलवार को स्थानीय लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृह में पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बिजली की स्थित बहुत अच्छी है, वर्तमान में साढे 9 हजार मेगावाट प्रतिदिन की बिजली की खपत है, जिसे प्रदेश के बिजली निगमों द्वारा पूरा किया जा रहा है।
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पिछले वर्ष में अधिकतम बिजली की खपत 12 हजार 185 मेगावाट थी, जून और जुलाई माह सबसे अधिक गर्मी का प्रभाव होता है और फसलों में भी पानी की जरूरत बढ़ जाती है, उन दिनों में 12 हजार मेगावाट प्रतिदिन की बिजली की खपत होती है। (Electricity Theft Fine) बिजली मंत्री ने कहा कि खेदड़ के दोनों यूनिट से 1200 मेगावाट बिजली, यमुनानगर के दोनों यूनिट से 700 मेगावाट, पानीपत के तीन यूनिट में से दो चल रहे हैं तथा एक यूनिट में तकनीकी खामी है जिसे जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश को केंद्र सरकार से भी बिजली मिल रही है। प्रदेश वासियों को बिजली के मामले में कभी कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी।
सरकार द्वारा ट्यूबवेल पर करीब 5800 करोड़ रुपये खर्च किया जाता है, जिसमें किसान के हिस्से में बहुत ही कम जाता है, शेष राशि सरकार द्वारा सब्सिडी के तौर पर खर्च की जाती है। इसके अलावा केरल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक व उड़ीसा में समय पर बारिश आने से वहां के नेशनल ग्रिड से आसानी से बिजली मिल जाती है। सरकार को सात से आठ रुपये प्रति यूनिट खर्च आता है लेकिन सरकार किसानों से 10 पैसे प्रति यूनिट ट्यूबवेल की बिजली का बिल ले रही है| सरकार द्वारा 2018 तक लगभग 50 हजार लोगों ने सोलर ट्यूबवेल के लिए पैसे जमा करवाए थे, उन्हें लगभग सभी कनेक्शन जारी किए जा चुका हैं, अब केवल जमीनी विवाद, कोर्ट केस या कोई व्यक्ति शर्तें पूरी नहीं कर रहा है, ऐसे लोगों के कनेक्शन लंबित है।
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अब वर्ष 2019, 2020 व 2021 में आए लगभग 61 हजार आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें 10 मेगावाट के 31 हजार सोलर मेगावाट के आवेदन शामिल हैं, जो अगले छह माह में दे दिए जाएंगे, शेष 29 हजार कनेक्शन की प्रक्रिया इसी एक वर्ष में पूरी कर दी जाएगी। सोलर पैनल पर 30 प्रतिशत केंद्र तथा 45 प्रतिशत राज्य सरकार सब्सिडी दे रही है। प्रदेश में बिजली चोरी पर रोक के लिए टीमों द्वारा लगातार रेड की जाती है तथा करोड़ों रुपये की रिकवरी भी की जाती है। पिछले वर्ष रिवेन्यू रिकवरी 31 हजार करोड़ रुपये थी तथा इस यह बढकर वर्ष 34 हजार करोड़ रुपये हो गई है।
सरकार ने घरेलू व औद्योगिक बिजली के इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है। जो लाइन लोस 34 प्रतिशत था वह घटकर 11 प्रतिशत हो गया है, हमारा प्रयास है कि लाइन लॉस को और कम किया जाए, इससे बिजली निगमों को बहुत बड़ा लाभ हुआ है। बिजली मंत्री ने बताया कि गुरुग्राम, फरीदाबाद, करनाल व पानी में स्मार्ट मीटर लगाने शुरु कर दिए हैं। अब तक सात लाख मीटर लगाए जा चुके हैं। (Electricity Theft Fine) स्मार्ट मीटर बहुत ही उपयोगी है, कभी भी चेक किया जा सकता है कि बिजली की कितनी खपत हुए है तथा घर से बाहर जाते समय इन्हें बंद भी किया जा सकता है तथा ग्राहकों को किसी प्रकार की शंका नहीं रहेगी। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे बिजली जरूरत के मुताबिक ही उपयोग करें ताकि ऊर्जा संरक्षित की जा सके।