नई दिल्ली। कंपेनसेशन लेवी: सरकार ने जीएसटी (GST) मुआवजा उपकर लगाने की समयसीमा करीब चार साल बढ़ाकर 31 मार्च 2026 कर दी है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक गुड्स एंड सर्विस कर (उपकर लगाने और कलेक्शन की अवधि) नियम 2022 के अनुसार मुआवजा उपकर 1 जुलाई 2022 से 31 मार्च 2026 तक लगाया जाता रहेगा।
उपकर की लेवी 30 जून को समाप्त होनी थी, लेकिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाले जीएसटी परिषद ने पिछले दो वित्तीय वर्षों में राजस्व संग्रह में आई कमी को कम करने और लोन चुकाने के लिए इसे मार्च 2026 तक बढ़ाने का फैसला किया। पिछले साल सितंबर में लखनऊ में जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक के बाद सीतारमण ने कहा था कि राज्यों को उनके करों जैसे वैट को समान राष्ट्रीय कर जीएसटी में शामिल करने के परिणामस्वरूप राजस्व की कमी के लिए मुआवजे का भुगतान करने की व्यवस्था जून 2022 में समाप्त हो जाएगी।
उधार को चुकाने के लिए लग्जरी और डीमेरिट गुड्स पर लगाया जाने वाला मुआवजा उपकर मार्च 2026 तक एकत्र किया जाता रहेगा। मुआवजे की कम रिलीज के कारण राज्यों के संसाधन अंतर को पूरा करने के लिए उपकर संग्रह में कमी के संबंध में केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये और 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये बैक-टू-बैक लोन के रूप में जारी किए हैं।
केंद्र ने 2021-22 में लोन के लिए ब्याज लागत के रूप में 7,500 करोड़ रुपये चुकाए हैं और इस वित्तीय वर्ष में 14,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है। 2023-24 से मूलधन की अदायगी शुरू हो जाएगी, जो मार्च 2026 तक जारी रहेगी।
आपको बता दें कि देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) 1 जुलाई 2017 से लागू किया गया था और राज्यों को जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए पांच साल की अवधि के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था।
हालांकि, राज्यों का संरक्षित राजस्व 14 प्रतिशत की चक्रवृद्धि दर से बढ़ रहा है, जबकि उपकर संग्रह उस अनुपात में नहीं बढ़ा है। COVID-19 ने उपकर संग्रह में कमी सहित संरक्षित राजस्व और वास्तविक राजस्व प्राप्ति के बीच के अंतर को और बढ़ा दिया है। केंद्र ने 31 मई 2022 तक राज्यों को देय जीएसटी मुआवजे की पूरी राशि जारी कर दी है।
इस पर AMRG एंड एसोसिएट्स के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि मुआवजा उपकर के विस्तार के साथ, तंबाकू, सिगरेट, हुक्का, वातित पानी, हाई-एंड मोटरसाइकिल, विमान, नौका और मोटर वाहनों जैसे उत्पादों पर उच्च कर दरों का भार जारी रहेगा। वहीं, भारत में केपीएमजी के पार्टनर इनडायरेक्ट टैक्स अभिषेक जैन ने कहा कि राज्यों को 5 साल से अधिक मुआवजा दिया जाएगा या नहीं, इस मुद्दे पर अंततः आगामी जीएसटी परिषद की बैठक में फैसला किया जा सकता है।