पंचकूला, 4 जनवरी- सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ (Haryana Vigilance Bureau) एक सक्रिय अभियान में, हरियाणा राज्य सतर्कता ब्यूरो ने प्रदेश सरकार की जीरो-टोलरेंस नीति के अनुरूप गत वर्ष भ्रष्टाचार से संबंधित रिकॉर्ड संख्या में मामले दर्ज किए हैं, जिससे राज्य सरकार सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सक्षम हुई है। ब्यूरो ने 2022 में 170 ट्रैप सहित 246 मामले दर्ज किए जो पिछले 10 वर्षों के दौरान सबसे अधिक हैं।
ब्यूरो ने वर्ष 2022 में 170 रेड की हैं और मौके पर व तलाशी के दौरान 6,21,70,230 रुपये बरामद किए हैं। साथ ही वर्ष 2022 के दौरान 27 राजपत्रित अधिकारी, 166 गैर-राजपत्रित अधिकारी और 27 निजी व्यक्तियों सहित कुल 193 सरकारी कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो, हरियाणा के महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने आज इस संबंध मंे जानकारी देते हुए बताया कि 246 मामलों में से 170 केस रेड व ट्रैप में और 76 जांच व विशेष चेकिंग पर दर्ज किए गए। हर महीने औसतन 18 सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
ऐसे लगाई भ्रष्टाचार पर लगाम
गत एक वर्ष में इतनी बड़ी संख्या में भ्रष्ट अधिकारियों पर ब्यूरो द्वारा की गई कार्रवाई के संबंध में बताते हुए कपूर ने कहा कि सतर्कता ब्यूरो ने अपना ध्यान क्लर्क, पटवारी, लाइनमैन, पुलिस कर्मियों आदि जैसे कनिष्ठ स्तर के कर्मचारियों से वरिष्ठ रैंक पर स्थानांतरित किया, (Haryana Vigilance Bureau)जो अक्सर संगठित भ्रष्टाचार रैकेट चलाने में सरगना होते हैं। ब्यूरो द्वारा वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की छापेमारी और गिरफ्तारी की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशों के तहत सभी स्तरों पर भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ने की दिशा में क्लीन-अप कार्य के रूप में देखा जा रहा है।
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इस वर्ष और मजबूत होगी विजिलेंस ब्यूरो
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ब्यूरो की विभिन्न पहलों को मंजूरी दे दी है जिसमें सरकारी अधिकारियों के खिलाफ रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराने वाले पीड़ित लोगों को ‘ट्रैप मनी‘ प्रदान करने के लिए एक रिवॉल्विंग फंड स्थापित करना भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इससे शिकायतकर्ताओं को अब अपनी जेब से रिश्वत के पैसे का इंतजाम करने के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। सरकार ने ब्यूरो को मजबूत करने के लिए(Haryana Vigilance Bureau) अनेक कार्य किए हैं जिसमें 809 अतिरिक्त पदों को मंजूरी देना, सूचनाओं के लीकेज को रोकने के लिए स्वतंत्र गवाहों की नियुक्ति की प्रणाली में बदलाव, छः डिविजनल सतर्कता ब्यूरो का सृजन आदि शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, हरियाणा में वर्ष 2023-2024 के लिए सतर्कता संबंधी पहलों को मजबूत करने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इन रिश्वतखोरों को काबू करने में मिली कामयाबी
कुछ उच्च पदस्थ अधिकारियों की गिरफ्तारी पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि एक जिला टाउन प्लानर को 5,00,000 रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया। साथ ही सह आरोपी तहसीलदार को भी गिरफ्तार किया गया, जबकि एक उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त को 50,000 रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा और एक जेल अधीक्षक को भी ट्रैप मामले में गिरफ्तार किया गया। इनके अलावा, वर्ष के दौरान पांच (Haryana Vigilance Bureau)एचसीएस अधिकारियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार किया गया। साथ ही, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के दो मुख्य अभियंता, एक अधीक्षण अभियंता और एक कार्यकारी अभियंता, एक मुख्य लेखा अधिकारी और एक संयुक्त निदेशक को सार्वजनिक धन की हेराफेरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
नगर निगम के एक अधीक्षण अभियंता एवं लेखापाल को 1,40,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड एवं सिंचाई विभाग के दो कार्यकारी अभियंता को 1,60,000 रिश्वत, बिजली विभाग के दो उपमंडल अभियंताओं एवं सह आरोपी को 3,00,000 रुपये लेते, खनन एवं भूविज्ञान का एक खनन अधिकारी को 1,00,000 रुपये रिश्वत लेते हुए, शहरी स्थानीय निकाय विभाग का एक भवन निरीक्षक को 5,00,000 रुपये लेते और आबकारी एवं कराधान विभाग के एक कराधान निरीक्षक को 2,00,000 रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया गया।
उन्होंने आगे खुलासा किया कि 2 इंस्पेक्टरध्एसएचओ, राजस्थान पुलिस के एक सेवानिवृत्त डीएसपी और करनाल में एमवीओ के रूप में कार्यरत एक अन्य इंस्पेक्टर सहित 46 पुलिस कर्मियों, राजस्व विभाग के 33 अधिकारीध्कर्मचारियों, बिजली निगमों के 24, शहरी स्थानीय निकायों के 14, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के 5, परिवहन के 5, शिक्षा विभाग के 4, आबकारी व कराधान के 3, सहकारिता के 3, हरियाणा खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड के 3, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के 3, (Haryana Vigilance Bureau)बागवानी के 3, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के 3, स्वास्थ्य के 2, एचएसवीपी के 2, खनन और भूविज्ञान के 2, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के 2, सामाजिक न्याय और अधिकारिता के 2, सिंचाई के 2, वन के 2 और पशुपालन एवं डेयरी, रोजगार, मत्स्य पालन, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, गृह रक्षक, हाउसिंग बोर्ड, एचपीएचसी, उद्योग और वाणिज्य, श्रम निर्माण कल्याण, जेल, पंचायती राज, अभियोजन, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, कोषागार और लेखा तथा वक्फ बोर्ड जैसे 15 अन्य विभागों के कर्मचारियों को अलग-अलग मामलों में 5,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया।
भ्रष्टाचार पर लगातार प्रहार करने के अतिरिक्त, ब्यूरो राज्य भर के विभिन्न विभागों, संस्थानों और कार्यालयों में मुखबिरों, पीड़ित व्यक्तियों और सूत्र की फीडबैक प्रणाली के आधार पर डेटा भी एकत्र कर रहा है। इससे ब्यूरो के अधिकारियों को ट्रैप करने और रिश्वत मांगने और स्वीकार करने वालों को पकड़ने में मदद करता है।
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अब भ्रष्टाचारियों की काली कमाई से अर्जित संपत्ति कुर्क करने की तैयारी
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में पूर्ण रूप से कार्यरत सतर्कता कार्यालयों को क्रियाशील बनाया गया है। हरियाणा को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के राज्य सरकार के अभियान को साकार करने में सक्रिय भूमिका निभाने वाले शिकायतकर्ताओं को एक नई पहल के तहत ‘सम्मान पत्र‘ से सम्मानित किया गया है। ब्यूरो द्वारा रेड के बाद शिकायतकर्ताओं को संबंधित कार्यालयों में उनके लंबित विभिन्न मामलों के(Haryana Vigilance Bureau) संबंध में भी सुविधा प्रदान की जाती है। हम वर्ष 2023 में भ्रष्ट अधिकारियों की अवैध कमाई की संपत्ति कुर्क कर उन पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं।
2022 में भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान के दौरान, ब्यूरो ने राज्य सरकार के निर्देश पर 22 राजपत्रित अधिकारियों, 23 अराजपत्रित अधिकारियों और 12 निजी व्यक्तियों के खिलाफ 65 जांच दर्ज की है। वर्ष के दौरान, 90 जांच को अंतिम रूप दिया गया।
2022 के दौरान पूरी की गई 90 जांचों में से ब्यूरो ने 27 राजपत्रित अधिकारियों, 32 अराजपत्रित अधिकारियों और 23 निजी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने, 20 जांचों में 36 राजपत्रित अधिकारियों, 8 अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ 14 जांचो में विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। आठ जांचों में 5 राजपत्रित अधिकारियों, 14 अराजपत्रित अधिकारियों और 1 निजी व्यक्ति के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ आपराधिक मामलों दर्ज करने के लिए भी कहा है।
इसके अतिरिक्त, वर्ष के दौरान, सरकार को 19 तकनीकी रिपोर्ट भेजी गई हैं, जिसमें ब्यूरो ने 28 राजपत्रित अधिकारियों, 13 गैर-राजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय (Haryana Vigilance Bureau)कार्रवाई करने और संबंधित एजेंसी से 73,05,647 रुपये वसूल करने की सिफारिश की है। ब्यूरो ने एक कार्य में 3 राजपत्रित अधिकारियों, 2 अराजपत्रित अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में यहां दे शिकायत
विजिलेंस ब्यूरो भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को तेज करने के लिए प्रतिबद्ध है। रिश्वतखोरी के सभी मामलों को सख्ती से निपटाया गया है और आने वाले दिनों में और (Haryana Vigilance Bureau)अधिक कार्रवाई की जाएगी। ब्यूरो ने नागरिकों से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने और रिश्वतखोरी की शिकायतों को टोल-फ्री नंबर 1800-180-2022 और 1064 और व्हाट्सएप नंबर 094178-91064 पर रिपोर्ट करने का भी आग्रह किया है।
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