सिरसा। (सतीश बंसल) नवसंवत्सरोत्सव के शुभ अवसर पर (Havan Yagya) आर्य समाज मंदिर सिरसा के प्रांगण में हवन यज्ञका आयोजन किया गया। राजकुमार शास्त्री के ब्रह्मत्व में निष्ठापूर्वक यज्ञ सम्पन्न किया गया। नववर्ष के बारे में सभी को अवगत कराया गया। नववर्ष के अवसर पर गीत नववर्ष तुम्हें मंगलमय हो, नित नई सफलताएं पाओ, यह वर्ष तुम्हें दे हर्ष सदा, उन्नति पथ पर बढ़ते जाओ, जीवन का हर दिन हो वसंत, ना खुशियों का हो कभी अंत, चेहरा फूलों सा मुस्काए, जग में फैले तब यश सुगंध गाया गया।
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इस अवसर पर राजकुमार शास्त्री ने बताया कि हिन्दू धर्म में चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को नवसंवत की शुरुआत होती है। इसे भारतीय नववर्ष भी कहा जाता है। (Havan Yagya) इसका आरम्भ विक्रमादित्य ने किया था। अत: इसको विक्रम संवत भी कहा जाता है। इस दिन से वासंतिक नवरात्र की शुरुआत भी होती है। इसी दिन से सूर्य, भचक्र की पहली राशि मेष में प्रवेश करता है। इस समय से ऋतुओं और प्रकृति में परिवर्तन भी आरम्भ हो जाता है।
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इस अवसर पर हवा सिंह, शमशेर सिंह, रामप्रताप भादड़ा, इन्द्रपाल आर्य, (Havan Yagya) पारस आर्य, ओमप्रकाश भजनोपदेशक, मुनीश सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।