सिरसा। (सतीश बंसल) उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने कहा कि सबके सहयोग व प्रयासों से शहर व गांवों को बाढ़ से बचाने में सफलता मिली है। अब प्रशासन का प्रयास है कि बाढ़ से प्रभावित एरिया में लोगों को स्वास्थ्य व अन्य आवश्यक मूलभूत सुविधाएं नियमित तौर पर मुहैया करवाई जाए। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग की मोबाइल टीमें लगातार प्रभावित गांवों व क्षेत्रों में कैंप लगाकर लोगों का नि:शुल्क उपचार व दवाइयां उपलब्ध करवा रही हैं। इसी प्रकार पशुपालन विभाग की टीमें भी गांवों में पहुंच कर पालतु पशुओं को गलघोटू व मूंहखुर के साथ अन्य मौसमी बीमारियों का इलाज कर रही है। (Health Department Team)
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पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उप निदेशक डा. विद्या सागर बंसल ने बताया कि विभाग द्वारा अबतक जिला में भेड़ बकरियों में ईटीवी टीकाकरण, पशुओं को सीप पॉक्स, पशुओं को पीपीआर के टीके लगाए जा चुके हैं। इसके अलावा बाल पशुओं को गलघोटू व मूंहखोर किया जा चुका है। पशुओं को कीड़ों की दवाई दी जा रही है। इसके अलावा बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए 34 टीमें बनाई गई हैं, जिसमें वेटरनरी डॉक्टर इन टीमों के इंचार्ज हैं। इन टीमों द्वारा प्रभावित गांवों में पशुओं का टीकाकरण के साथ-साथ उपचार भी किया जा रहा है। अबतक प्रभावित क्षेत्रों के गांवों में किसी भी पशु की मृत्यु की सूचना नहीं है। सिविल सर्जन डा. महेंद्र भादू ने बताया कि संकट की इस घड़ी में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य आपके द्वार अभियान के तहत ग्रामीणों की स्वास्थ्य जांच की जा रही है।
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अबतक 1881 व्यक्तियों की स्वास्थ्य जांच की जा चुकी है। एहतियात के तौर पर मोबाइल टीमों द्वारा गांवों में फस्ट-एड किट वितरित की जा रही है, जिसमें 1 कॉटन रोल, 4 सूती पट्टी, 4 ऑइंट पोविडोन आयोडीन, 3 मलहम क्लोट्रिमेज़ोल, 2 ऑइंट डिक्लो, 100 टैबलेट पीसीएम 500 व 20 ओआरएस है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को गांव झोरडऩाली व बुर्ज कर्मगढ में विभाग द्वारा दवाइयों को वितरण किया गया। इसके साथ-साथ अगर किसी नागरिक को बुखार की शिकायत मिलती है तो उसकी टेस्टिंग भी की जा रही है। घग्घर नदी के साथ लगते संवेदनशील प्वाइंटों पर एंबुलेंस भी तैनात की गई है। (Health Department Team)