High Court Decision For Widow Women: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते कहा है कि अगर एक विधवा औरत पति की मृत्यु के बाद उसके भाई से शादी कर लेती है तब भी वह फैमिली पेंशन की हकदार रहेगी. हाई कोर्ट ने यह फैसला एक सैन्यकर्मी के विधवा की दायर याचिका पर सुनाया है। हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट करते हुए कहा कि सेना के एक पूर्व कर्मचारी की विधवा एक साधारण पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी अगर वह अपने दिवंगत पति के भाई से दोबारा शादी करती है। हालांकि कोर्ट ने यह बात भी जोड़ते हुए कहा कि उसे जीवित पात्र उत्तराधिकारियों का समर्थन करना होगा। महिला पंजाब के फतेहगढ़ साहिब की रहने वाली है। हाई कोर्ट ने यह भी स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति की विधवा के बीच कोई अंतर नहीं होना चाहिए। जिसकी मृत्यु सैन्य सेवा में ड्यूटी के दौरान हुई हो या फिर उसकी मौत तबीयत बिगड़ने के कारण हुई हो।
ये भी पड़े – मध्य प्रदेश में JCB चालक ने एक आदिवासी नाबालिक से किया दुष्कर्म|
सुखजीत कौर के पति की हो गई थी मौत
पंजाब के फतेहगढ़ साहिब की रहने वाली सुखजीत कौर के जरिए याचिका को स्वीकार करते हुए आदेश पारित किया गया। जिसमें CAT चंडीगढ़ द्वारा पारित 2016 के एक आदेश को चुनौती दी गई थी। जिसमें पारिवारिक पेंशन के लिए सुखजीत के दावे को खारिज कर दिया गया था। उनके पहले पति मोहिंदर सिंह ने जनवरी 1964 में IAF में दाखिला लिया था। लेकिन 21 नवंबर, 1971 को चिकित्सा आधार पर सेवा से छुट्टी दे दी गई और उन्हें विकलांगता पेंशन दी गई। इसके बाद वह एक नागरिक कर्मचारी के रूप में भारतीय वायु सेना में शामिल हो गए। कौर ने 1974 में उनसे शादी की। लेकिन सेवा के दौरान एक साल बाद ही उनकी मृत्यु हो गई।
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
पति के छोटे भाई से शादी करने पर रोकी गयी पेंशन: (High Court Decision For Widow Women)
हालांकि पति की मौत के बाद सुखजीत कौर को पारिवारिक पेंशन दी गई थी। लेकिन बाद में सुखजीत कौर ने पति के छोटे भाई से शादी कर ली। जिसके बाद अप्रैल 1982 में केंद्र ने उनकी पारिवारिक पेंशन पर दोबारा शादी करने को आधार बनाते हुए रोक लगा दी थी। जिसके बाद यह मामला कोर्ट में जाने के बाद ही हाई कोर्ट द्वारा यह फैसला लिया गया है|