Crime Thrillers Web Series: देश की राजधानी दिल्ली में जब मई में मुंबई की एक 26 साल की श्रद्धा के मर्डर केस को दिल्ली पुलिस ने 14 नवंबर को सुलझा दिया। मुंबई के एक फूडब्लॉगर आफताब अमीन पूनावाला ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी और उसके बाद उसके शरीर के 35 टुकड़े कर छत्तरपुर के जंगलों में फेंक दिए। आरोपी ने गूगल की मदद से खून को साफ करने और शरीर की बनावट के बारे में जाना, ताकि लाश को आसानी से ठिकाने लगाया जा सके। लेकिन इस दिल दहला देने वाली हत्या के बारे में एक और चौंकाने वाला रहस्य सामने आया। आफताब ने पूछताछ में बताया कि उसने वेब सीरीज़ ‘डेक्सटर’ देखी थी जिससे उसे क़त्ल कर बचने का आइडिया आया, लेकिन वह उसमें सफल नहीं हो पाया। मतलब उसने इस वेब सीरीज को देखकर ही श्रद्धा की हत्या का प्लान बना लिया था लेकिन वह इसमें असफल रहा|
हम नेटफ्लिक्स, हॉटस्टार और ऐमेज़ॉन के ज़माने में जी रहे हैं, जहां क्राइल-थ्रिलर पर कई सीरीज़ आपको मिल जाएंगी। इस तरह की सीरीज़ को काफी पॉपुलैरिटी भी मिलती है। सवाल यह है कि क्या इस तरह के क्राइम-थ्रिलर्स हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालते हैं? आइए आज हम जानते हैं की क्राइम थ्रिलर्स का क्या प्रभाव पड़ता हैं हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर एक्सपर्ट्स क्या कहते हैं इस बारे में जानते हैं?
वरिष्ठ मनोचिकित्सक और संस्थापक, मनस्थली ने बताया कि ऐसे शो जिनका फोकस मर्डर जैसे क्राइम्स पर होता है, वे आपके मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालते हैं। जैसे किसी भी चीज़ की अति नुकसान पहुंचाती है, ऐसे ही ज़्यादा क्राइम थ्रिलर्स को देखना भी आपके दिल में (Crime Thrillers Web Series) संदेह पैदा करने लगता है। इसकी वजह से हम दूसरों से दूरी बनाना शुरू कर देते हैं और अपनी ज़िंदगी खुलकर नहीं जीते। अगर आप घर से निकलते वक्त डर महसूस करते हैं, घर से निकलने का सोचकर भी घबराते हैं, तो यह इस बात का संकेत है कि क्राइम थ्रिलर आपकी ज़िंदगी पर बुरा असर डाल रहे हैं।
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क्राइम -थ्रिलर्स को देखने की लत क्यों लग जाती है?
शुरुआत में भले ही आपको इस तरह के शोज़ अजीब लगें, लेकिन कुछ समय बाद आप में एक अपराधी के मनोविज्ञान के बारे में जानने की जिज्ञासा पैदा हो सकती है। क्लीवलैंड क्लिनिक की रिसर्च से पता चलता है कि आम धारणा के विपरीत, अपराध की सच्चा घटना महिलाओं को अधिक आकर्षित करती हैं। (Crime Thrillers Web Series) ऐसा इसलिए भी हो सकता है कि ज़्यादातर मामलों में महिलाएं ऐसे अपराधों का शिकार होती हैं और वे ऐसी स्थितियों से बचने के तरीके सीखना चाहती हैं। और इन क्राइम थ्रिलर्स सीरीज का प्रभाव सीधा लोगो के दिमाग पर पड़ता हैं जिस कारण वह किसी का क़त्ल करने में भी घबराते नहीं हैं|
क्राइम-थ्रिलर मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं?
लगातार ऐसे शोज़ देखने से हम अपने आसपास के लोगों पर भी शक़ करने लगते हैं। कभी-कभी इन्हें देखना ठीक है, इससे आप सतर्क बनते हैं और जान बचाने की गुर सीखते हैं। हालांकि, ज़रूरत से ज़्यादा इन्हें देखने से आपक सभी को शक़ की निगाहों से देखना शुरू कर देते हैं। और हर किसी पर शक करना शुरू करदेते हैं जिस कारण कभी कभी हम शक के कारण बहुत कुछ कर बैठते हैं|
स्वभाव में ऐसे बदलाव दिखते हैं:
घर पर असुरक्षित महसूस करना, हर वक्त डरा हुआ महसूस करना, हर समय बेचैनी महसूस करना, दूसरों को हमेशा, शक़ की नज़रों से देखना, नींद से जुड़ी दिक्कतें, घबराहट, चिंता, सांस लेने में दिक्कत, दिल की धड़कनों का बढ़ जाना
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डॉ. कपूर ने चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के कंटेन्ट के संपर्क में आने से हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे “नींद न आना, चिंता और बेचैनी जैसी दिक्कतें शुरू हो सकती हैं। साथ ही मानसिक उन्माद, सामाजिक चिंता में वृद्धि, असुरक्षित महसूस करना, (Crime Thrillers Web Series) निराशा की भावना में वृद्धि, खुद के बारे में और दुनिया को लेकर नकारात्मक विचार और लत की क्षमता भी बढ़ सकती है।” इसलिए किसी को भी ज़रूरत से ज्यादा इन क्राइम थ्रिलर्स वेब सीरीज को नहीं देखना चाहिए इससे केवल उस इंसान को परेशानी नहीं होगी बल्कि उसको भी होगी जो उस इंसान के संपर्क में आएगा और कभी कभी यह वेब सीरीज घातक भी साबित होती हैं और इसके चलते लोग कभी क्रिमिनल माइंडेड भी बन जाते हैं|