देश को बिना Coach के मेडल देने वाले महावीर विनोद राणा 2023 में चीन में होने वाले एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। आज महावीर विनोद राणा को भारत का दूसरा एकलव्य कहा जाता है। एकलव्य ना ऐसे ही नही मिलता उसके लिए लाखो दिन मेहनत करनी पड़ती है।
आज खेल कितने भी आगे बढ़ गए हों लेकिन कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी आज भी खुद अभ्यास करके वर्ल्ड कप, एशियन चैंपियनशिप में खेल रहे हैं उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है जहां पर खिलाड़ियों को कम सुविधा दी जाती है। फिर भी खिलाड़ी देश को मेडल देने में लगे हुए हैं जिनमें से एक हैं जिन्हे भरत का दूसरा एकलव्य कहा जाता है “महावीर विनोद राणा” हैं जिन्होंने अपने खुद के अभ्यास से वर्ल्ड कप, वर्ल्ड रैंकिंग जैसे खेलों में भारत को गोल्ड मेडल दिए हैं फिर भी उनको कोई सुविधा नहीं है, ना ही उनके पास कोई अच्छा कोच है ना ही ट्रेनिंग के लिए अच्छी डाइट ही है।
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2023 में होने वाले एशियाई खेलों में महावीर विनोद राणा भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए रात दिन गांव के मैदान में 8 घंटे पसीना बहा रहे हैं। महावीर विनोद राणा एशियाई खेलों के लिए चयनित एक खिलाड़ी हैं और एशियन गेम्स के लिए रात दिन मेहनत कर रहे हैं। एक तरफ परिवार का खर्चा और दूसरी तरफ अपने देश के नाम व सम्मान के लिए रोजाना अभ्यास करना बड़ा ही कठिन हो जाता है। जब एक खिलाड़ी को घर चलाना पड़े और घर के साथ साथ अपना खर्चा और अपने ट्रेनिंग का भी खर्चा बहन करना पड़े। बड़ा ही कठिन हो जाता है।
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जब एक खिलाड़ी को इतना कुछ करना पड़ जाए। ऐसे में खिलाड़ी क्या करें। अपनी ट्रेनिंग (coach) करें या अपने परिवार के लिए मेहनत, मजदूरी करे। महावीर विनोद राणा ऐसे खिलाड़ी हैं जिन्होंने खुद की मेहनत से कई अंतरराष्ट्रीय, वर्ल्ड के जैसे खेलों में भारत के लिए गोल्ड दिए हैं फिर भी हर सुविधा के लिए मोहताज है। अगर उनको हर सुविधा मिल जाए तो अवश्य आने वाले एशियाई और ओलंपिक खेलों में भारत के लिए गोल्ड मेडल देंगे। महावीर विनोद राणा ने बताया कि अगर सरकार मुझे हर सुविधा देती है तो मैं वादा करता हूं कि एशियाई खेल और ओलंपिक जैसे खेलों में भारत के लिए अवश्य मेडल दूंगा। अगर किसी भी प्रकार की कोई सुविधा नहीं मिले तो एक खिलाड़ी क्या करें।
यहां तो वो अपनी ट्रेनिंग (coach) कर सकता है या अपने परिवार के लिए नौकरी कर सकता है। आपको बता दें कि महावीर विनोद राणा होम ट्यूशन से घर का खर्चा चलाते हैं। जिससे बस का घर का ही बड़ी मुस्किल से खर्चा चल पाता है। महावीर विनोद राणा के दो बच्चे हैं। एक बेटी है काजल जिसकी उम्र 9 वर्ष और एक बेटा जिसकी उम्र 6 वर्ष है। ये दोनों बच्चे भी 100,200 मीटर के लिए तैयार हो रहे है। आने वाले समय में ये देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। महावीर विनोद राणा गांव के गरीब बच्चों को फ्री ट्रेनिंग देते हैं।