चंडीगढ़, सितंबर 2025: अपनी 178 साल की विरासत में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि को चिह्नित करते हुए, 1847 में स्थापित एशिया के सबसे पुराने इंजीनियरिंग कॉलेज व भारत के सबसे प्रतिष्ठित संस्थानों में से एक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने अपना दीक्षांत समारोह 2025 मनाया, जिसमें 2,614 छात्रों (2012 पुरुष एवं 602 महिला) को उपाधि प्रदान की गई।
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समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आदरणीय डॉ. जितेंद्र सिंह, माननीय केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), भू – विज्ञान मंत्रालय; प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय; राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग; राज्य मंत्री, अंतरिक्ष विभाग, उपस्थित रहे। उनके साथ शामिल होकर, प्रो. (डॉ.) निर्मलजीत सिंह कलसी, आईएएस (सेवानिवृत्त), पूर्व अध्यक्ष एनसीवीईटी, भारत सरकार, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंजाब, इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुए।
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अभिशासक परिषद के अध्यक्ष डॉ. बीवीआर मोहन रेड्डी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के सचिव, श्री पंकज अग्रवाल ने कार्यक्रम के दूसरे सत्र के दौरान हुए पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई, निदेशक के.के.पंत, आईआईटी रुड़की ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिसमें संस्थान की उत्कृष्ट उपलब्धियों और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाया गया।
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स्नातक छात्रों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने के लिए, श्री वंश सैनी को प्रतिष्ठित राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। यूजी छात्रों में, श्री हार्दिक साहनी को उनके उत्कृष्ट सर्वांगीण प्रदर्शन के लिए निदेशक स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
स्नातक वर्ग में शामिल हैं:
स्नातक छात्र – 1267
* प्रौद्योगिकी स्नातक – 1094
* एकीकृत विज्ञान स्नातकोत्तर – 75
* एकीकृत प्रौद्योगिकी स्नातकोत्तर – 53
* वास्तुकला स्नातक – 36
* विज्ञान स्नातक – 09
स्नातकोत्तर छात्र – 847
* प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर – 536
* विज्ञान में स्नातकोत्तर – 159
* व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर – 80
* व्यवसाय प्रशासन में कार्यकारी स्नातकोत्तर – 27
* डिज़ाइन में स्नातकोत्तर (औद्योगिक डिज़ाइन) – 19
* शहरी एवं ग्रामीण नियोजन में स्नातकोत्तर – 13
* वास्तुकला में स्नातकोत्तर – 12
* पेयजल एवं स्वच्छता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा – 01
डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी के छात्र – 500
* डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी – 496
* डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (संयुक्त उपाधि) – 01
* डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (दोहरी उपाधि (एम.टेक. + पीएच.डी.) कार्यक्रम) – 02
* डॉक्टरेट ऑफ फिलॉसफी (संयुक्त उपाधि व दोहरी उपाधि (एम.टेक. + पीएच.डी.) कार्यक्रम) – 01
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आईआईटी रुड़की के सभी कार्यक्रमों में महिला स्नातकों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है। यह उल्लेखनीय है कि संस्थान के डॉक्टरेट कार्यक्रमों में शोध एवं डॉक्टरेट अध्ययन में महिलाओं की भागीदारी में वृद्धि देखी गई है। इस वर्ष कुल 178 महिला शोधार्थी स्नातक हुईं, जबकि 2024 में यह संख्या 146 और 2023 में 57 थी। कुल मिलाकर, 2025 के स्नातक वर्ग में 23% महिला प्रतिनिधित्व संस्थान के लैंगिक विविधता एवं समावेशिता पर केंद्रित होने को दर्शाता है।
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इस भव्य समारोह में स्नातक वर्ग का स्वागत करते हुए, आईआईटी रुड़की अभिशासक परिषद के अध्यक्ष, श्री बी.वी.आर. मोहन रेड्डी ने कहा, “दीक्षांत समारोह गर्व एवं जिम्मेदारी का क्षण होता है। आईआईटी रुड़की को ऐसे नवाचारों का निर्माण करके आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाना चाहिए जो किफायती, मापनीय एवं प्रभावशाली हों। मैं, अपने स्नातकों से आग्रह करता हूँ कि वे बड़े सपने देखें, निडर होकर नवाचार करें व उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व करें क्योंकि हम विकसित भारत@2047 की ओर बढ़ रहे हैं।”
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आईआईटी रुड़की की 178 वर्षों से अधिक की समृद्ध विरासत है, जो अपने स्नातक, स्नातकोत्तर एवं डॉक्टरेट कार्यक्रमों के लिए देश-विदेश से प्रतिभाशाली छात्रों को आकर्षित करती है।दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए, प्रो. के.के. पंत ने क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग 339 और लगातार चौथे वर्ष वास्तुकला एवं नियोजन में शीर्ष एनआईआरएफ रैंक के साथ आईआईटी रुड़की की वैश्विक प्रतिष्ठा एवं उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। वर्ष के दौरान, संस्थान ने 146 पेटेंट दायर किए, अनुसंधान निधि में ₹399 करोड़ प्राप्त किए, व क्वांटम प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा एवं हाइड्रोजन, रक्षा, संसाधन प्रबंधन व स्थिरता में परियोजनाएँ शुरू कीं।
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इस वर्ष एक प्रमुख उपलब्धि यह रही कि आईआईटी रुड़की को खान मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) के अंतर्गत उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) के रूप में नामित किया गया। इस प्रकार, यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा, अर्धचालक, गतिशीलता, रक्षा एवं अंतरिक्ष क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के विकास हेतु समर्पित प्रमुख संस्थानों के समूह में शामिल हो गया।यह उत्कृष्टता केंद्र टिकाऊ, हरित दृष्टिकोणों का उपयोग करते हुए अयस्कों और ई-कचरे से महत्वपूर्ण खनिजों की पुनर्प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित करेगा, एक चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने एवं आयात पर निर्भरता कम करने के लिए अंतःविषय विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा।
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संस्थान ने परमाणु अनुप्रयोगों, भू – विज्ञान, ढलान स्थिरता, हिमालयी स्थिरता, गंगा नदी अध्ययन एवं भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली में अनुसंधान को भी आगे बढ़ाया। इसने नवीनतम शैक्षिक प्रौद्योगिकी (शिक्षाशास्त्र में एआई) को लागू किया, पाठ्यक्रम को संशोधित किया और फ्लेक्सी क्रेडिट प्रणाली की शुरुआत की। ₹4,700 करोड़ से अधिक मूल्य के 180 से अधिक स्टार्ट-अप के साथ उद्यमिता फली-फूली, जबकि स्थानन में 1,100 नौकरियों के प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें 12 अंतर्राष्ट्रीय शामिल हैं। 178 महिलाओं के पीएचडी के साथ विविधता को बल मिला।
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गोल्डन गर्ल एवं सकुंतला फ़ेलोशिप द्वारा समर्थित, स्नातकों के लिए एक कार्यक्रम। पूर्व छात्रों ने ₹31 करोड़ का योगदान दिया, जबकि सामुदायिक आउटरीच, ग्रामीण विकास, उन्नत भारत अभियान, अनुश्रुति अकादमी एवं अस्मिता कौशल अकादमी जैसी पहलों ने आईआईटी रुड़की के सामाजिक प्रभाव को और मज़बूत किया।
मजबूत उद्योग संबंधों, प्रमुख समझौता ज्ञापनों एंव राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण अनुसंधान के साथ, प्रो. पंत ने विकसित भारत 2047 के साथ संरेखित एक स्थायी, समावेशी व नवाचार-संचालित भविष्य के लिए आईआईटी रुड़की की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
दीक्षांत समारोह की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने कहा, “दीक्षांत समारोह उपलब्धि एवं आकांक्षा, दोनों का उत्सव है। आईआईटी रुड़की में, हमारा मिशन विश्वस्तरीय शिक्षा व अनुसंधान प्रदान करना है और यह सुनिश्चित करना है कि नवाचार, स्थिरता और स्वच्छ ऊर्जा से लेकर महत्वपूर्ण खनिजों, रक्षा एवं आपदा प्रतिरोधक क्षमता तक, देश की रणनीतिक प्राथमिकताओं को सीधे संबोधित करे। मुझे अपने स्नातकों पर बहुत गर्व है, जो उत्कृष्टता की इस विरासत को आगे बढ़ाएँगे और 2047 तक एक विकसित भारत के निर्माण में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाएँगे।”
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “देश भर में 1.7 लाख स्टार्टअप्स में से लगभग 240 स्टार्टअप्स के साथ, आईआईटी रुड़की भारत के स्टार्टअप आंदोलन में एक बड़ा योगदान दे रहा है। आपके नौ उत्कृष्टता केंद्र, आपदा जोखिम, लचीलापन एवं स्थिरता के क्षेत्र में आपका अग्रणी कार्य, एवं वाइब्रेंट विलेज जैसी पहलों के माध्यम से स्थानीय समुदायों के साथ आपकी गहरी भागीदारी आपको एक शैक्षणिक संस्थान का सच्चा आदर्श बनाती है। हिमालय में स्थित होने के कारण, आपकी भूमिका न केवल आपदाओं के दौरान महत्वपूर्ण है, बल्कि उस समय भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जिसे मैं ‘शांतिकाल’ कहता हूँ, जहाँ आपके जैसे संस्थान राष्ट्र के लिए लचीलापन, स्थिरता एवं विकास का निर्माण करने में सहायता करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “आज, जैसा कि निदेशक महोदय ने अपनी रिपोर्ट में विस्तार से बताया है, संस्थान को लगातार चौथे वर्ष भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा सर्वाधिक नवोन्मेषी संस्थान पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, साथ ही स्टैम में महिलाओं की उत्कृष्टता के लिए कार्टियर अचीवर पुरस्कार भी प्रदान किया गया है। कल शाम ही, राष्ट्रीय रैंकिंग में, आप छठे स्थान पर रहे। यह अपने आप में इस बात का पर्याप्त प्रमाण है कि इस संस्थान ने वर्षों से अपने मानकों को कितनी उल्लेखनीय निरंतरता के साथ बनाए रखा है।”
आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह 2025 में बोलते हुए, मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) निर्मलजीत सिंह कलसी, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने अपने संस्थान में लौटने पर गहरा आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आईआईटी रुड़की अपनी 176 साल की विरासत के साथ अकादमिक उत्कृष्टता एवं राष्ट्रीय सेवा का प्रतीक बना हुआ है। उन्होंने कहा, “आज यहाँ खड़े होना मेरे लिए बेहद गर्व की बात है – न केवल एक पूर्व छात्र के रूप में, बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसे भारत की शिक्षा व कौशल परिवर्तन में योगदान करने का सौभाग्य मिला है।” उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभाने में संस्थान की भूमिका की प्रशंसा की व नवोन्मेषकों और समस्या-समाधानकर्ताओं की पीढ़ियों को पोषित करने के लिए संकाय सदस्यों को धन्यवाद दिया।
स्नातक वर्ग को संबोधित करते हुए, प्रो. कलसी ने उनसे निरंतर सीखने, सत्यनिष्ठा एवं राष्ट्र निर्माण के मूल्यों को बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “आप केवल उपाधि प्राप्त नहीं कर रहे हैं – आपको एक ज़िम्मेदारी विरासत में प्राप्त हो रही है। विनम्रता, उद्देश्य व साहस के साथ आईआईटी रुड़की की विरासत को आगे बढ़ाएँ।” उन्होंने, छात्रों एवं उनके परिवारों को बधाई देते हुए, उन्हें भारत के साझा राष्ट्रीय दृष्टिकोण विकसित भारत@2047 की याद दिलाई और उनसे एक मजबूत, आत्मनिर्भर एवं समावेशी भारत को आकार देने में चरित्र, जिज्ञासा व करुणा के साथ नेतृत्व करने का आह्वान किया।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि, सचिव श्री पंकज अग्रवाल ने स्नातकों को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, “सच्ची आत्मनिर्भरता दूसरों के औज़ारों को इकट्ठा करने से नहीं, बल्कि दुनिया का नेतृत्व करने वाले अपने स्वयं के नवाचारों को बनाने से आएगी। आज की दुनिया में, तकनीक, राष्ट्रीय शक्ति का एक रणनीतिक स्तंभ बन गई है। हमारे सामने चुनौती केवल ‘भारत में निर्माण’ की ही नहीं, बल्कि भारत में आविष्कार, डिज़ाइन एवं भारत से नेतृत्व करने की है। आप, आज के युवा नवप्रवर्तक, विकसित भारत 2047 के निर्माता हैं।”
2025 दीक्षांत समारोह के लिए स्वर्ण पदक विजेता
क्रम सं
पुरस्कार
छात्र का नाम
1.
राष्ट्रपति स्वर्ण पदक
वंश सैनी
2.
निदेशक स्वर्ण पदक
हार्दिक साहनी
3.
भारत के राष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक
श्रेया मित्तल
4.
संस्थान रजत पदक
बालगा पवन साई
5.
संस्थान कांस्य पदक
अनवद्य खरे
पुरस्कार विजेताओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अनुलग्नक ए (दीक्षांत समारोह पुरस्कारों के लिए) व अनुलग्नक बी (शेष पुरस्कार) देखें।
आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह ने न केवल अपने स्नातकों की उपलब्धियों का उत्सव मनाया, बल्कि शिक्षा, अनुसंधान एवं नवाचार को आगे बढ़ाने के प्रति संस्थान के समर्पण को भी पुष्ट किया। विविधता, स्थिरता और अत्याधुनिक अनुसंधान पर अपने दृढ़ संकल्प के साथ, आईआईटी रुड़की वैश्विक शैक्षणिक एवं तकनीकी परिदृश्य में प्रेरणा व नेतृत्व प्रदान करता रहा है। जैसे-जैसे स्नातक अपनी नई यात्रा पर निकल रहे हैं, वे अपने साथ आईआईटी रुड़की की उत्कृष्टता की विरासत लेकर चल रहे हैं, समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने और भविष्य की प्रगति को गति देने के लिए तैयार हैं। (आईआईटी रूड़की )
आईआईटी रुड़की ने भी एमएसी ऑडिटोरियम में शिक्षक दिवस 2025 मनाया एवं पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, संस्थान ने प्रतिष्ठित संकाय सदस्यों को उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान पुरस्कार 2025, आजीवन शिक्षण उपलब्धि पुरस्कार, प्रो. बालकृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए रामकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया।
शिक्षक दिवस 2025 पर, आईआईटी रुड़की ने अपने संकाय सदस्यों को शिक्षण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया। प्रोफ़ेसर स्पर्श मित्तल (ईसीई), प्रोफ़ेसर ए. स्वामीनाथन (गणित), एवं प्रोफ़ेसर जितिन सिंगला (जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी) को उत्कृष्ट शिक्षण पुरस्कार (स्नातक श्रेणी) प्रदान किया गया, जबकि प्रोफ़ेसर कीर्तिराज के. गायकवाड़ (कागज़ प्रौद्योगिकी) एवं प्रोफ़ेसर कृतिका कोठारी (डब्ल्यूआरडीएम) को स्नातकोत्तर श्रेणी में सम्मानित किया गया। (आईआईटी रूड़की )
प्रोफ़ेसर प्रवीण कुमार (जानपद अभियांत्रिकी) को आजीवन शिक्षण उपलब्धि पुरस्कार, प्रोफ़ेसर राम कृष्ण पांडे (गणित) को प्रोफ़ेसर बाल कृष्ण उत्कृष्ट शिक्षक पुरस्कार एवं प्रोफ़ेसर गोपीनाथ पैकिरिसामी (जैव विज्ञान एवं जैव अभियांत्रिकी) को उत्कृष्ट शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए रामकुमार पुरस्कार से सम्मानित किया गया।इन सम्मानों ने छात्रों की पीढ़ियों को आकार देने में आईआईटी रुड़की के संकाय की अमूल्य भूमिका को उजागर किया एवं संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं मार्गदर्शन की स्थायी संस्कृति की पुष्टि की