नई दिल्ली। रेलवे ने नेशनल हाईस्पीड रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के प्रबंध निदेशक सतीश अग्निहोत्री को बर्खास्त कर दिया है। वह सरकार की प्रतिष्ठित बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रभारी थे। वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि एनएचएसआरसीएल के परियोजना निदेशक राजेंद्र प्रसाद को तीन महीने के लिए प्रबंध निदेशक का कार्यभार सौंपा गया है।
- रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि अग्निहोत्री के खिलाफ कई आरोप हैं। इन आरोपों में आधिकारिक पद का दुरुपयोग और अनधिकृत तरीके से एक निजी कंपनी में पैसे को डायवर्ट करना शामिल है। यह जानकारी समाचार एजेंसी पीटीआई और एएनआइ ने दी।
पद के दुरुपयोग और निजी कंपनी के साथ सौदे का आरोप
- अधिकारियों ने कहा कि उनके खिलाफ शिकायत उनके एक बैचमेट ने की थी। इस संबंध में दो जून के लोकपाल अदालत के आदेश के बाद अग्निहोत्री को बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया।
- सतीश अग्निहोत्री द्वारा रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के सीएमडी के तौर पर अपने नौ साल के कार्यकाल के दौरान एक निजी कंपनी के साथ कथित तौर पर किए गए सौदे के मामले में लोकपाल ने सीबीआइ को जांच करने का निर्देश दिया था।
लोकपाल ने सीबीआइ को दिया था आरोपों की जांच का आदेश
- लोकपाल अदालत ने सीबीआइ से कहा था कि वह जांच कर पता लगाए कि अग्निहोत्री के खिलाफ क्या भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध का मामला बनता है।
- सीबीआइ को छह महीने के भीतर या 12 दिसंबर, 2022 से पहले लोकपाल कार्यालय को जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया।
- एनएचएसआरसीएल हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं को लागू करने के लिए भारत सरकार और भाग लेने वाले राज्यों का एक संयुक्त उद्यम है।
- अग्निहोत्री जुलाई 2021 में एनएचएसआरसीएल में शामिल हुए। इससे पहले वह रेल विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक थे।