देहरादून: मत्स्य संपदा योजना: उत्तराखंड में मत्स्य कारोबार को पंख लगेंगे। मुख्यमंत्री ने गढ़वाल और कुमाऊं में मत्स्य मंडी खोलने का एलान किया है। साथ ही प्रदेश में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना भी शुरू की जाएगी। राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस के उपलक्ष्य में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह सौगात दी है। उन्होंने दून में बनने वाले मत्स्य प्रसंस्करण यूनिट का शिलान्यास भी किया।
मत्स्य प्रसंस्करण यूनिट का किया शिलान्यास
रविवार को आइआरडीटी सभागार में मत्स्य विभाग की ओर से राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस के अवसर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री धामी ने मत्स्य निदेशालय बड़ासी ग्रांट देहरादून में स्थापित होने वाले मत्स्य प्रसंस्करण यूनिट का शिलान्यास किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा देते हुए प्रदेश में मत्स्य पालन में लगने वाली विद्युत दरों को कृषि दरों पर निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने मत्स्य विभाग से संबंधित सभी स्टालों का अवलोकन किया। साथ ही प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत दो लाभार्थियों को मोटरसाइकिल और आइस बाक्स भेंट किए।
विशिष्ट कार्य करने वालों को किया सम्मानित
उन्होंने उधमसिंह नगर व हरिद्वार के ग्राम समाज के तालाबों के पट्टों का आवंटन एवं मत्स्य पालन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले प्रत्येक जिले से दो व्यक्तियों को सम्मानित किया।
पर्वतीय क्षेत्र में बढ़ते मत्स्य पालन पर खुशी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह स्वरोजगार के लिए एक नई उम्मीद है। पिछले 5 साल से मछलियों का फार्मिंग तो बहुत तेजी से बढ़ी है, लेकिन मार्केटिंग की ठोस व्यवस्था नहीं है। जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि प्रदेश में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं। सरकार की ओर से मत्स्य पालन की दृष्टि से उपलब्ध जल संसाधनों के उपयोग पर कार्य किया जा रहा है। लगभग 11 हजार व्यक्ति मत्स्य पालन से जुड़े हैं।