नई दिल्ली: ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) ने पुणे स्थित जेनोवा बायोफर्मासिटिकल्स एमआरएनए (Biopharmaceuticals’ mRNA) कोरोना वैक्सीन की दो खुराक को 18 साल से अधिक आयु के लाभार्थियों के लिए आपातकालीन स्थितियों में प्रतिबंधित उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। सूत्रों ने मंगलवार को कहा कि यह पहली बार है कि यह टीका (जेनोवा बायोफर्मासिटिकल्स एमआरएनए) कोरोना वैक्सीन भंडारण के दौरान 2-8 डिग्री सेल्सियस पर भी स्थिर रहता है।
विषय विशेषज्ञ समिति ने वैक्सीन को संतोषजनक पाया
सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया कि विषय विशेषज्ञ समिति (SEC) ने शुक्रवार की बैठक में भारत की पहली एमआरएनए वैक्सीन (mRNA) के लिए आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (Emergency Use Authorisation) की सिफारिश की है। भारत के दवा नियामक के तहत विषय विशेषज्ञ समिति ने जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स द्वारा प्रस्तुत डेटा को ‘संतोषजनक’ पाया है। कंपनी ने अप्रैल महीने में डेटा जमा किया था फिर उन्होंने मई के महीने में और भी अतिरिक्त डेटा जमा किया।
दूसरे चरण और तीसरे चरण का किया जा चुका है परिक्षण
इससे पहले मई के महीने में जेनोवा ने तीसरे चरण का डेटा जमा करने का बयान एएनआइ को दिया था, बयान के मुताबिक, ‘जेनोवा लगातार नियामक एजेंसी के साथ संचार में है और उत्पाद अनुमोदन के लिए आवश्यक सभी आवश्यक डेटा और जानकारी जमा करने में जुटा है। कंपनी ने वैक्सीन सुरक्षा, प्रतिरक्षा और सहनशीलता का मूल्यांकन करने के लिए 4000 प्रतिभागियों पर दूसरे चरण और तीसरे चरण का परिक्षण किया जा चुका है। बता दें कि केंद्र सरकार
केंद्र सरकार देशभर में कोरोना टीकाकरण की गति को तेज करने और इसके दायरे का विस्तार करने में जुटी है। राष्ट्रव्यापी कोरोना टीकाकरण 16 जनवरी, 2021 को शुरू हुआ था।