राजस्थान कि राजधानी जयपुर में चित्रकूट थाना पुलिस ने USA में मौजूद बुजुर्ग लोगों से (Fake Call) ऑनलाइन ठगी करने वाले एक फर्जी कॉल सेंटर का फोड़ा भांडा. यहां काम करने वाले 32 युवक-युवतियों को गिरफ्तार किया है. इनमें ज्यादातर नॉर्थ ईस्ट के रहने वाले युवक-युवतिया हैं. कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों के निशाने पर ज्यादातर USA के 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिक रहते थे, जिनसे डॉलर में राशि ठगी जा रही थी|
इस कॉल सेंटर से जुड़े हुए कई लोग राजस्थान से बाहर और कुछ लोग तो विदेश में भी मौजूद हैं. और वही से ही इस कॉल सेंटर को चला रहे हैं. वहीं पूरे मामले में कॉल सेंटर संचालक फरार है. चित्रकूट पुलिस ने भारतीय दूतावास, इंटरपोल व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को भी सूचित किया है. (Fake Call) न्यूज 18 राजस्थान ने कॉल सेंटर पर कार्रवाई करने वाली थानाप्रभारी गुंजन सोनी से खास बातचीत कर जाना, कैसे कॉल सेंटर से ठगी की जा रही थी|
एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाशचंद्र बिश्नोई ने बताया कि चित्रकूट मार्ग स्थित जानकी टावर में जनवरी माह के अंत से एक फर्जी कॉल सेंटर का संचालन किया जा रहा था. पुलिस मुख्यालय की इंटेलिजेंस विंग की सूचना पर चित्रकूट थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कॉल सेंटर पर देर रात दबिश दी. (Fake Call) जहां युवक-युवतियां कंप्यूटर पर काम करते और हेडफोन लगा अंग्रेजी में लोगों से बात करते हुए मिले. पुलिस टीम को देख कॉल सेंटर में मौजूद आरोपियों ने भागने का प्रयास भी किया, लेकिन पुलिस द्वारा उन सभी आरोपियों को पकड़ लिया गया|
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32 गिरफ्तार, सरगना फरार
चित्रकूट थानाप्रभारी गुंजन सोनी के अनुसार, पुलिस ने कॉल सेंटर में टेक्निकल सपोर्ट का काम करने वाले दीपक शाह और मैनेजमेंट का काम देखने वाले अमन से पूछताछ की है. (Fake Call) पूछताछ में खुलासा हुआ कि यूएसए में मौजूद 60 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को टारगेट कर ठगी की जाती थी|
इस तरह करते हैं विदेशी नागरिकों से ठगी
कॉल सेंटर पर मौजूद कर्मचारी नागरिकों को उनके कंप्यूटर पर वायरस या बग आने की जानकारी देते थे. साथ ही लोगों को सिस्टम हैक होने के मैसेज भी भेजे जाते जिसके बाद इस समस्या का निदान करने के लिए कंप्यूटर स्क्रीन पर एक टोल फ्री नंबर डिसप्ले किया जाता. (Fake Call) जैसे ही यूएस का कोई भी नागरिक उक्त नंबर पर संपर्क करता तो उसे अपनी बातों के जाल में फंसा और कानूनी पेचीदगी में फंसाने की धमकी दे डॉलर में ट्रांजेक्शन कराया जाता. गिरफ्त में आए आरोपियों में मेघालय, नागालैंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों के लोग शामिल हैं. हालांकि, मामले के मुख्य आरोपी यानी कॉल सेंटर के संचालक कि तलाश जारी हैं|