जम्मू के नरवाल में शनिवार को हुए आतंकी हमले में 9 लोग ज़ख़्मी हुए थे| (Investigation) जम्मू-कश्मीर शनिवार को एक के बाद एक दो बम विस्फोट से दहल उठा था। जम्मू शहर के बाहरी इलाके नरवाल में शनिवार को दो विस्फोट हुए। इस धमाके के बाद से ही घाटी छावनी में बदल गई है। नरवाल में शनिवार से ही जांच एजेंसियां घटनास्थल पर मौजूद हैं। आज यानि की रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष टीम ने दोहरे विस्फोट स्थल का निरीक्षण किया।
शनिवार को नरवाल में 15 मिनट के अंतर पर दो ब्लास्ट हुए थे। इस ब्लास्ट में 9 लोग गंभीर रुप से घायल हो गए थे। शनिवार से ही जांच जारी है। जांच में जुटी एजेंसियों का दावा है कि जो दो बम धमाके नरवाल में हुए हैं, उनमें आतंकियों ने संभवत टाइमर आईडी का इस्तेमाल किया है। टाइमर की बात (Investigation) सामने आने के बाद सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। सुरक्षा के लिहाज से नरवाल के ट्रांसपोर्ट नगर को आज (रविवार) भी सील कर दिया गया है। पूरे नरवाल इलाके में सैनिटाइजेशन ऑपरेशन चल रहा है और आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है।
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गौरतलब है कि ये विस्फोट ऐसे समय में हुए हैं जब जम्मू-कश्मीर की सुरक्षा एजेंसियां कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा और आगामी गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर हाई अलर्ट पर है।
एनआईए की विशेष टीम पहुंची घटनास्थल
रविवार को अधिकारियों ने बताया कि माले की जांच लगातार जारी है। इसी बीच आज यानि की रविवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी की टीम ने सुबह विस्फोट स्थल का दौरा किया।(Investigation) अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी जल्द ही इस पूरे मामले की जांच को अपने हाथ में ले सकती है।
अधिकारियों ने बताया कि जांच एजेंसी के अधिकारियों ने विस्फोट स्थल पर एक घंटे से अधिक समय बिताया। एक घंटे तक जांच करने के बाद एनआईए की विशेष टीम ने नमूने भी एकत्र किए। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी दूसरे दिन निरीक्षण के लिए क्षेत्र का (Investigation) दौरा किया। बता दें कि जम्मू शहर का नरवाल इलाके में अब भी सुरक्षा घेरा है और बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।
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सुरक्षा एजेंसियों की हुई बैठक
जम्मू-कश्मीर में शनिवार को हुए दो बम विस्फोट ने घाटी की सुरक्षा व्यव्स्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। ये हमला तक हुआ है जब घाटी में 26 जनवरी और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को देखते हुए सुरक्षा कड़ी की गई है और अलर्ट जारी किया गया है। ऐसे में इस हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसी (Investigation) चौकन्नी हो गई हैं। सुरक्षा में शामिल सभी एंजेंसियों का जम्मू और कश्मीर के राजौरी जिले में एक संयुक्त खुफिया और सुरक्षा सम्मेलन हुआ।
जनरल ऑफिसर कमांडिंग (हुकुम डिवीजन का ऐस) मेजर जनरल वाईएस अहलावत और जनरल ऑफिसर कमांडिंग (रोमियो फोर्स) मेजर जनरल त्रिवेदी ने बैठक की अध्यक्षता की जिसमें पुलिस उप महानिरीक्षक (राजौरी-पुंछ रेंज) हसीब मुगल ने भाग लिया।
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में राजौरी भी आतंकी हमला हुआ था। राजौरी में हुए आतंकी हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी और 14 घायल हो गए थे। (Investigation) हमले में शामिल संदिग्ध आतंकवादी अब भी फरार हैं। फिलहाल शनिवार को हुए आतंकी हमले की जांच राष्ट्रिय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा शुरू हो गई हैं साथ ही आतंकियों की तलाश भी अभी जारी है|