अलीगढ़। government land पर कब्जे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। खैर में सिंचाई विभाग के अफसरों ने करबन नदी पर कब्जा करवा दिया। कालोनाइजर्स ने मिलीभगत से निजी प्रयेाग के लिए रास्ता बना डाला। joint Secretary के निर्देश पर जांच हुई तो पोल खुल गई। सींचपाल व जिलेदार की ओर से थाना खैर में ईओ, नगर पालिका अध्यक्ष सहित तीन के खिलाफ तहरीर दी गई है।
शासन में शिकायत
खैर के Former MLA Pramod Gaur ने कस्बा में करबन नदी का पानी रोककर पक्का निर्माण करते हुए रास्ता बनाकर निजी प्रयोग में लेने की शिकायत शासन में की थी। आरोप लगाया था कि सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने ही भाजपा नेता व बिल्डरों से सांठगांठ कर नदी पर कब्जा करा दिया है। सिंचाई विभाग के प्रमुख सचिव व संयुक्त सचिव ने जांच के आदेश दिए। विभागीय अफसरों की टीम ने स्थलीय निरीक्षण किया।
इसमें सामने आया कि खैर गौंड़ा मार्ग पर करबन नदी दो भाग से गुजरती है। दोनों भाग में जल प्रवाह होता है व दोनों भाग पर पुल बना है। नदी के छोटे भाग पर concrete structure खड़ा कर अवरोध कर दिया गया है। इस पर अतिक्रमण पाया गया। जांच रिपोर्ट के बाद सींचपाल श्यौराज सिंह व जिलेदार कृष्णन गुप्ता ने थाना खैर में तहरीर दी। इसमें अधिशासी अधिकारी व अध्यक्ष नगर पालिका खैर संजीव अग्रवाल व कालोनाइजर्स कैलाश चंद्र शर्मा पर करबन नदी पर दीवार लगाकर रास्ते के लिए पाट देने का आरोप लगाया गया है।
दोषी अफसर व कर्मचारियों पर भी होगी कार्रवाई
शासन स्तर से तक अवैध कब्जे की शिकायत के बाद उच्च अफसर भी हरकत में आ गए हैँ। शासन से सिंचाई व जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता व विभागाध्यक्ष को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पत्र में निर्देशित किया है कि प्रकरण में दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों को उत्तरदायित्व निर्धारित कर कार्रवाई की जाए।
इनका कहना है
बीते दिनों स्थानीय लोगों ने सांसद सतीश गौतम शिकायती पत्र दिया था। इसमें करबन नदी के निकट राजस्व विभाग की जमीन पर रास्ता बनवाने की मांग की थी। सांसद ने पत्र को नगर पालिका में भेज दिया। नगर पालिका ने पीपीपी माडल के तहत निजी बिल्डर कैलाश चंद्र शर्मा से रास्ते का निर्माण करा लिया। कुछ लोग राजनैतिक रूप से शिकायत कर रहे हैं। शिकायत गलत है। जमीन नगर पालिका क्षेत्र की सरकारी है।
– संजीव अग्रवाल, चैयरमैन, नगर पालिका खैर