हुडा सैक्टर 20 स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के प्रांगण में श्रीमद् भागवत महापुराण कथा में श्री कृष्ण (Shri Krishna) जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया गया। श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर टैंपल के प्रधान दुर्गा सिंह राठौड ने बताया कि ट्रस्ट के 14वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हो रही श्री मद् भागवत महापुराण कथा में कथा व्यास स्वामी ललित किशोर व्यास ने जब अपने मुखाविंद से श्री कृष्ण जन्मोत्सव का प्रसंग सुनाया तो पूरा माहौल भाव-विभोर हो गया। कथा व्यास ललित किशोर ने कहा कि व्यक्ति को अहंकार नहीं करना चाहिए, अहंकार बुद्धि और ज्ञान का हरण कर लेता है।
अहंकार ही मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। उन्होंने कहा कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वयं ही समझ सकते हैं।
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भगवान कृष्ण (Shri Krishna) के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्रीकृष्ण गोकुल पहुंच गए। शास्त्री ने कहा कि जब-जब धरती पर धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धरती पर अवतरित होते हैं। जैसे ही कथा के दौरान भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ पूरा पंडाल जयकारों से गूंजने लगा। वहीं ट्रस्ट के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में हवन यज्ञ भी किया गया। कथा आयोजकों ने लोगों से सपरिवार कथा में शामिल होने का आह्वान किया है।