यूके के लंदन के बाद अब खालिस्तानियों ने अमेरिका के (San Francisco) सैन फ्रांसिस्को की तोड़फोड़| खालिस्तानी समर्थकों की ओर से भारतीय दूतावास में घुसकर तोड़फोड़ किए जाने की घटना को बाइडेन सरकार ने कड़ी निंदा की है. अमेरिका ने इस तरह के हमले को पूरी तरह से अस्वीकार्य बताया है. व्हाइट हाउस में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद समन्वयक जॉन किर्बी ने घटना की निंदा करते हुए कहा, ‘यह हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है|’
सोमवार (20 मार्च) को खालिस्तान समर्थकों के एक ग्रुप ने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास पर हमला कर वहां तोड़फोड़ की. ‘खालिस्तान ज़िंदाबाद’ के नारे लगाते हुए, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड तोड़ दिए और दूतावास के अंदर दो तथाकथित खालिस्तानी झंडे लगा दिए थे. हालांकि, दूतावास के दो कर्मियों ने जल्द ही उन झंडों को हटा दिया था. इसके बाद, प्रदर्शनकारियों का एक ग्रुप दूतावास में घुस गया और वह पर हमला कर दरवाजे-खिड़कियां तोड़ दीं|
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“सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी”
जॉन किर्बी ने एक सवाल के जवाब में कहा, “विदेश मंत्रालय की डिप्लोमेटिक सिक्योरिटी सर्विस स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर मामले को देख रही है. मैं सैन फ्रांसिस्को पुलिस की तरफ से कुछ नहीं कह सकता, लेकिन मैं इतना कह सकता हूं कि इस मामले पर उचित जांच की जा रही है. जाहिर तौर पर विदेश मंत्रालय नुकसान की भरपाई के लिए काम करेगा लेकिन यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है|” (San Francisco) बयान के अनुसार, “सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कमर्शियल एम्बेसी पर हुए हमले की अमेरिका निंदा करता है. अमेरिका में राजनयिक केंद्रों पर हिंसा एक दंडनीय अपराध है. हमले के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जाएगी. यहां काम करने वाले राजनयिकों की सुरक्षा करना हमारी प्राथमिकता है|”
“तत्काल कार्रवाई की मांग”
एशियाई अमेरिकी, प्रशांत द्वीप के लोगों से जुड़े मामलों पर राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग के सदस्य अजय जैन भुटोरिया ने कहा, ‘हम सैन फ्रांसिस्को पुलिस विभाग से दूतावास पर हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और दूतावास में काम करने वालों, वहां आने वाले सभी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करते हैं|’ (San Francisco) ‘सिख ऑफ अमेरिका’ के जस्सी सिंह ने कहा, “सैन फ्रांसिस्को में जिस किसी ने भी इस हिंसक कृत्य को अंजाम दिया है हम उसके खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं, क्योंकि यह देश हमें शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति देता है और हम इसी पर कायम रहना चाहते हैं. जब भी कोई समस्या होती है तो हमारे पास शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है. हम चाहते हैं कि अधिकारी सैन फ्रांसिस्को में भारतीय कमर्शियल एम्बेसी में हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें|”
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“हम भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ…”
‘इंडिस्पोरा’ ने एक बयान में भारतीय कमर्शियल एम्बेसी में हिंसा और तोड़फोड़ की निंदा की. बयान में कहा गया, “हमें उम्मीद है कि वाणिज्य दूतावास में हमारे मित्र और खाड़ी क्षेत्र में (San Francisco) हमारा समुदाय सुरक्षित है. कानून प्रवर्तन द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई.”
‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल’ (USIBC) ने भी एक बयान जारी कर हमले की निंदा की और कहा, “हम भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू, महावाणिज्यदूत डॉ. टीवी नागेंद्र प्रसाद और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास के कर्मचारियों के साथ एकजुटता से खड़े हैं.” (San Francisco) भारतीय दूतावास पर खालिस्तानी तत्वों द्वारा हमले पर अमेरिका ने कहा कि “सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी”|