Garuda Purana Niti:- हिन्दू धार्मिक शास्त्रों में मृत्यु को लेकर कई तरह-तरह के श्लोक देखने को मिलता है, हिन्दू धार्मिक ग्रंथो में से एक गरुड़ पुराण ग्रंथ में भगवान विष्णु बताते हैं कि मृत्यु के समय कौन सी चीजें व्यक्ति के पास होंगी तो मृत्यु के बाद आत्मा को कष्ट नहीं होगा और स्वर्ग में स्थान मिलेगा. धार्मिक मान्यतों के अनुसार कहा जाता है कि व्यक्ति को मृत्यु के बाद स्वर्ग या नरक किसकी प्राप्ति होगी वह व्यक्ति के कर्मों द्वारा निर्धारित होता है. लेकिन गरुड़ पुराण ग्रंथ में भगवान विष्णु द्वारा कुछ ऐसी विशेष चीजों का वर्णन देखने को मिलता है, जो अगर मृत्यु से पहले व्यक्ति के पास रख दी जाए तो ऐसे में मृतक को नरक का कष्ट नहीं भोगना पड़ता है.
ये भी पड़े – मणिपुर में एक ठेले के नीचे रखे IED से हुआ धमाका, 2 मजदूरों समेत पांच ज़ख़्मी|
तो चलिए जानते है गरुड़ पुराण ग्रंथ में बताये गए अध्याओं के बारे में जिसमें मृत्यु के समय व्यक्ति के पास किन वस्तुओं को रखने से उसके मृत्यु के बाद का रास्ता आसान हो जाता है|
तुलसी के पत्ते
गरुड़ पुराण के अनुसार जैसे यदि कोई व्यक्ति प्राण त्यागने वाला होता है तो उसे तुलसी के पौधे के पास लेटा देना चाहिए. साथ ही उसके माथे पर तुलसी के पत्ते और मंजरी को रख देना चाहिए. ऐसा करने से मरने के बाद व्यक्ति की आत्मा यमलोक नहीं जाती. साथ ही उसके स्वर्ग का रास्ता भी आसान हो जाता है|
गंगाजल
भगवान विष्णु बताते है की मरने के बाद मृतक के मुख में गंगाजल और तुलसी के पत्ते डालने का भी महत्व होता है.यदि किसी व्यक्ति के मृत्यु का समय निकट है और इसका किसी को आभास हो गया है तो मरने से पहले उसके मुख में गगांजल डाल दें. इससे उसके जीवनकाल के समस्त पापों का नाश होता है और मरणोपरांत आत्मा स्वर्ग में जाती है|
कुश
धर्मक शास्त्रों के अनुसार कुश को एक तरह का पवित्र घास कहा जाता है. मृत्यु के समय अगर कुश का आसन बिछाकर व्यक्ति को लेटा दिया जाए और उसके मुख में तुलसी पत्ता रख दिया जाए तो ऐसे लोगों की आत्मा बैकुंठ को प्राप्त होती है.
ये भी पड़े – क्या आप कलाकार बनाना चाहते है ? क्या आप फिल्म जगत में अपना नाम बनाना चाहते है?
काला तिल
धार्मिक मान्यतों के अनुसार काले तिल को लेकर ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न हुई है. मरने से पहले व्यक्ति के हाथों तिल का दान करवा दें. इससे मृत्यु के बाद यमदूत आत्मा को नहीं सताते. साथ ही असुर, दैत्य और दानव सभी मृतक से दूर भाग जाते हैं. (Garuda Purana Niti)
Disclaimer:
‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’ NavTimes न्यूज़ लेख में बताये गए खबर की जिम्मेदारी नहीं लेता है/