PERIODS: किसी महिला को स्वस्थ पीरियड और खराब पीरियड के बीच अंतर पता होना चाहिए और उन्हें खराब स्थिति के कारण जानने की कोषिष करनी चाहिए। सामान्य मासिक चक्र एक ‘हेल्दी मेंस्ट्रुअल साइकल’ है। मासिक अवधि से किसी महिला को उस वक्त गुजरना होता है जब उसका गर्भाषय अंतगर्भाषयकला को बाहर निकालता है। हालांकि मासिक चक्र हर महिला में अलग अलग होता है। एक सामान्य या स्वस्थ मासिक चक्र वह माना जाता है जो नियमित तौर पर 22-34 दिन के अंतर के बीच होता है। महिला करीब 2-8 दिन तक अपना रक्त प्रवाह दर्ज कर सकती हैं, जो मध्यम मात्रा में है।
कई महिलाएं अपने पीरियड के दौरान दर्द महसूस करती हैं। उनमें मौजूद हार्मोन प्रोस्टेग्लैंडिंस यह दर्ज पैदा करता है। सामान्य तौर पर, यदि कोई महिला पीरियड के पहले दो दि न के दौरान दर्द महसूस करती है तो यह कहा जाता है वह स्वस्थ या सामान्य है। कुछ महिलाएं 1-2 दिन में अपने पेट में मासिक चक्र संबंधित दर्द महसूस कर सकती हैं, कभी कभार यह महीने के बीच में भी देखा जा सकता है। ये सभी बदलाव अच्छी प्रजनन क्षमता वाले अच्छे मासिक चक्र के संकेत हैं।
अस्वस्थ मासिक चक्र
ये मासिक चक्र के कुछ ऐसे संकेत हैं जिन्हें खराब समझा जाता हैः
कम अवधि का मासिक चक्रः
● यदि मासिक चक्र(PERIODS) 21 दिन से भी कम समय बाद होता है तो इस तरह के मासिक चक्र को अस्वस्थ कहा जाता है। ऐसे मामलों में, कम डिम्बग्रंथि भंडार की संभावना से इनकार नहीं किया जाता है।
● यदि यह चक्र नियमित न हो और बार बार हो, जैसे 10-15 दिन की अवधि में, तो इसमें असामान्य गर्भाषय की दीवार मोटी हो जाने या गर्भाषय पर संक्रमण हो जाने या पाॅलीप हो जाने की आषंका रहती है
● यदि आप संभोग के बाद पीरियड महसूस करते हैं तो डाॅक्टर को गर्भाषय के मुख यानी सर्विक्स की जांच करनी चाहिए। यह सर्विक्स संक्रमण या सर्वाइकल क्षरण की स्थिति हो सकती है या सर्वाइकल हिस्टोपैथोलाॅजी में जल्द बदलाव भी आ सकता है। ऐसे मामलों में, जांच और पैप स्मीयर टेस्ट की जरूरत होती है।
2. लंबे मासिक चक्र
कुछ मासिक चक्र(PERIODS) 35 दिन से भी ज्यादा समय तक होते हैं और ये अक्सर 45 से 60 दिन बाद भी देखे जा सकते हैं। इतने लंबे अंतराल वाले चक्र षरीर में हार्मोन असंतुलन की वजह से होते हैं। नीचे ऐसे कुछ कारणों की सूची दी जा रही है जो लंबे मासिक चक्र से संबंधित हैंः
● युवा यौवन अनियमितताएं
● थायराॅयड से संबंधित अनियमितता
● पेरिमेनोपोजल
● प्रोलैक्टिन का उच्च स्तर
● इंसुलिन से संबंधित प्रतिरोध
● ओवरियन ट्यूमर रया एड्रेनल ग्लैंड से संबंधित हार्मोनल पैथोलाॅजी
3. 2 दिन से कम या 0 दिन से ज्यादा का मासिक प्रवाह
दो दिन से कम या आठ दिन से ज्यादा का मासिक प्रवाह अस्वस्थ कहा जाएगा। यह हार्मोन में कमी या गर्भाशय संक्रमण की वजह से हो सकता है।
4. अत्यधिक प्रवाह से एनीमिया का खतरा
अत्यधिक रक्तस्राव को भी अस्वस्थ माना जाता है। यहां नीचे अत्यधिक रक्त प्रवाह के कुछ कारण बताए जा रहे हैंः
● गर्भाशय का विकास
● फाइब्राॅयड
● पाॅलीप
● संक्रमण
मासिक धर्म(PERIODS) के दौरान दिन में कई बार अत्यधिक रक्तस्राव से एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए, ऐसी स्थिति में जल्द से जल्द स्त्री रोग विषेशज्ञ को दिखाने की सलाह दी जाती है।
डाॅ. अरुणा कालरा (सीके बिड़ला हाॅस्पिटल, गुरुग्राम में स्त्री रोग एवं प्रसूति विषेशज्ञ) से बातचीत पर आधारित