Mouni Amavasya Mahatva: हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार माघ महीने के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन मौन रहकर दान और स्नान करने का विशेष महत्व बताया जाता है. शास्त्रों तथा ज्योतिशो के अनुसार, मुंह से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य मिलता है, उससे कहीं गुना ज्यादा पुण्य मौन रहकर जप करने से मिलता है. मनु ऋषि का जन्म भी मौनी अमावस्या पर हुआ था और मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई. इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी को पड़ रही है.
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चलिए जानते हैं कि इस बार पड रहे मौनी अमावस्या पर कौन सी गलतियां करने से बचनी है:
घर में अशंति न फैलाएं: अमावस्या के दिन घर में शांति का माहौल होना चाहिए. आज के दिन जिस घर में कलह का माहौल होता है, वहां पितरों की कृपा नहीं होती है.
देर तक नहीं सोना चाहिए: मौनी अमावस्या के दिन देर तक नहीं सोना चाहिए. अमावस्या के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा है. अगर आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पाएं है तो घर पर जरूर स्नान कर लें. स्नान करने के बाद सूर्य अर्घ्य देना चाहिए. स्नान से पहले कुछ न बोल कर चुप यानि मौन रहना चाहिए|
लड़ाई-झगड़े से बचें: इस दिन लड़ाई-झगड़े और वाद-विवाद से बचना चाहिए. आज के दिन कड़वे वचन तो बिल्कुल नहीं बोलने चाहिए. (Mouni Amavasya)
पीपल की पूजा न करें: अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं, लेकिन शनिवार के अलावा अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए. इस साल मौनी अमावस्या 21 जनवरी दिन शनिवार को पड़ रही है. इस दिन पीपल की पूजा न करें.
संबंध न बनाएं: अमावस्या पर संयम बरतना चाहिए. इस दिन पुरुष और स्त्री को यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए. गरुण पुराण के अनुसार, अमावस्या पर यौन संबंध बनाने से पैदा होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं मिलता है.
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श्मशान के पास न जाएं: अमावस्या पर श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए. अमावस्या की रात सबसे घनी काली रात होती है और माना जाता है कि इस समय बुरी आत्माएं या शक्तियां बहुत सक्रिय हो जाती है.
मांस-मदिरा का सेवन: मौनी अमावस्या के दिन शराब, मांस के सेवन इत्यादि से दूर रहें और सादा भोजन करें. ज्यादा से ज्यादा समय तक मौन रहकर ध्यान|
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