दिल्ली। Lumpy: कोरोना वायरस महामारी के बीच एक और वायरस ने दस्तक दी है। इस वायरस की चपेट में आने से अब तक हजारों मवेशी काल के गाल में समा गए हैं। सरकारी रिपोर्ट की मानें तो 50 हजार से अधिक गायों और भैंसों की मौत हो चुकी हैं। वहीं, लाखों की संख्या में मवेशी लंपी वायरस की चपेट में है। खासकर, राजस्थान में लंपी वायरस का कहर अधिक देखने को मिल रहा है। सरकार की तरफ से सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। जानकारों की मानें तो अब तक लंपी (Lumpy) वायरस का एंटीडोज तैयार नहीं हुआ है। इस वजह से बड़ी संख्या में मवेशियों की मौत हुई है। इससे पहले साल 2019 में लंपी वायरस का कहर भारत में देखने को मिला था। आइए, इस वायरस के बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या होता है लंपी वायरस ?
लंपी (Lumpy) स्किन डिजीज को ‘गांठदार त्वचा रोग वायरस’ भी कहा जाता है। वहीं, शार्ट में LSDV कहा जाता है। यह एक संक्रामक बीमारी है, जो एक पशु से दूसरे पशु को होती है। आसान शब्दों में कहें तो संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरा पशु भी बीमार हो सकता है। यह बीमारी Capri Poxvirus नामक वायरस के चलते होती है। इस वायरस का संबंध गोट फॉक्स और शीप पॉक्स वायरस के फैमिली से है। जानकारों की मानें तो मच्छर के काटने और खून चूसने वाले कीड़ों के जरिए यह बीमारी मवेशियों को होती है।
लंपी(Lumpy) स्कीन डिजीज के लक्षण
-संक्रमित पशु को बुखार आना
-पशुओं के वजन में कमी
-आंखों से पानी टपकना
-लार बहना
-शरीर पर दाने निकलना
-दूध कम देना
-भूख न लगाना
लंपी(Lumpy) स्किन डिजीज से बचाव
-संक्रमित पशु को अलग रखें।
-तबेले की साफ सफाई रखें।
-मच्छरों को भगाने के लिए स्प्रे करें।
-संक्रमित पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं।
-पशुओं को चिकित्सक की सलाह पर दवा दे सकते हैं।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।