Shani Mahadasha: हिन्दू वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति के ऊपर नवग्रहों की दशा होती है। ज्योतिषों के अनुसार व्यक्ति पर किसी ग्रह की महादशा का समय बहुत कम होता है तो किसी पर बहुत ज्यादा। यहां हम बात कर रहे हैं व्यक्ति पर पड़ने वाले शनि ग्रह की महादशा के बारे में, जिसका प्रभाव ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मनुष्य के ऊपर 19 साल तक रहता है। मान्यताओं के अनुसार शनि देव को न्याय प्रिय देवता कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है की शनि देव मनुष्य को उसके कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। लेकिन आपको बता दे की अगर व्यक्ति की जन्मकुंडली में शनि देव अशुभ स्तिथि में विराजमान होते हैं तो व्यक्ति को आर्थिक और मानसिक रूप से कष्टों को झेलना पड़ सकता है। साथ ही व्यक्ति पर शनि देव का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है जिसके चलते व्यक्ति को आर्थिक तंगी भी झेलनी पड़ती है। ज्योतिष के अनुसार यदि व्यक्ति के लिए शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता देता है।
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चलिए जानते हैं शनि की महादशा का व्यक्ति के जीवन में क्या प्रभाव पड़ता है और क्या उपाय करने चाहिए…
शनि ग्रह की महादशा का जीवन में प्रभाव कुंडली में शनि देव अशुभ होने पर: (Shani Mahadasha)
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर व्यक्ति को अपने जीवन में शनि की महादशा का सामना करना पड़ता है। शनि व्यक्ति की कुंडली में किस स्तिथि में विराजमान हैं उससे शनि की महादशा पड़ने से व्यक्ति को कैसा फल प्रदान होगा । अगर शनि देव मनुष्य के जन्मकुंडली में नकारात्मक यानि नीच स्तिथि में हैं तो व्यक्ति को शनि की दशा में धन का नुकसान होता है। व्यक्ति के व्यापार में घाटा होता है। वहीं अगर बात करे अगर शनि देव व्यक्ति के कुंडली में सूर्य ग्रह के साथ स्थित होते है तो व्यक्ति को पैसोंं की हानि होती है, उसके मान- सम्मान में भी हानि होती है। क्योंकि शनि देव और सूर्य भगवान में शत्रुता का भाव है। कुंडली में प्रतिकूल शनि होने पर जब साढ़ेसाती या ढैय्या लगती है तो भी आर्थिक नुकसान होता है।
शनि अगर सकारात्मक स्तिथि में हो तो: (Shani Mahadasha)
अगर शनि ग्रह व्यक्ति कुंडली में उच्च या अशुभ स्थित हैं, तो शनि की महादशा में व्यक्ति को धनलाभ होता है। उनकी धन- दौलत में वृद्धि होती है। साथ ही कारोबार अच्छा चलता है। राजनीति कार्यों में सफलता मिलती है। अगर आपका काम शनि ग्रह से जुड़ा हुआ होता है जैसे- लोहा, पेट्रोल, खनिज, शराब से जुड़ा है तो व्यक्ति को विशेष धनलाभ होता है।
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शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए अपनाये ये उपाय: (Shani Mahadasha)
- शनि दोष से बचने के लिए व्यक्ति को शनिवार के दिन सबसे पहले पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना चाहिए।
- महिलाओं, बुजुर्गों, असहाय और मेहनतकश मजदूरों का अपमान नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शनि देव रुष्ट हो सकते हैं।
- शनि देव के तांत्रिक मंत्र “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें। इस मंत्र का जाप आप प्रतिदिन भी कर सकते हैं।
- शनि मंदिर जाकर शनि प्रतिमा के सामने एक सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शनि चालीसा का पाठ करें।
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