Ravan: क्सर देखा जाता है कि लोग अपने बच्चों के नाम पुराने नामो पर रखते हैं तो कई भगवान के नाम पर बच्चों का नाम रखते है जैसे – राम, श्याम, राजू, विष्णु, शिव स्वास्तिक ,नारायण आदि ।
पर कोई भी व्यक्ति अपने बच्चों का नाम रावण रखने में कतराता है और शायद इस ब्रह्मांड मैं किसी बच्चे का नाम रावण हो ।
रावण (Ravan) ,जिस के स्तुति करने पर भगवान शिव तांडव किया करते थे. जो दुनिया सबसे बड़ा पंडित माना गया है . जिस प्राणी अपार ज्ञान था जिस ने सभी ग्रहों को परस्त कर रखा था । जिस से बहुत सारी आयुर्वेदिक दवाई बनाई . जिस ने ना जाने ही कितने ग्रथों की रचना की जिस ने शनि को बांध दिया जिस को दुनिया सबसे शक्तिशाली माना । इतनी सारी खूबी होने के वावजूद क्यों नही रखते अपने बच्चे का नाम रावण ?
क्या होता रावण का मतलब ? रावण का रावण कैसे पड़ा।
आज तक किसी को नही पता कि रावण का असली नाम क्या था ?
रामायण में रावण को दसकंधर , दशानन ,लंकापति कहा गया है ।
दशानन – जिसके 10 सर होते हैं।
दसकंधर – जिस के दस कंधे है
लंकापति – जिस ने लंका को जीत लिया हो ।
और
रावण – जो हमेशा रोता रहे ।
(ये नाम भगवान शंकर ने रावण को दिया था )
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बहुत समय पहले लंकापति रावण (Ravan) भगवान शिव की आराधना करने हेतु नियमित रूप प्रतिदिन कैलाश पर्वत जाया करता था । एक दिन जब वो भगवान शिव आराधना कर के वापस आ रहा था उस के मन मे विचार आया क्यों ना अपने दशो हाथो का बल का प्रयोग कर क्यों ना में कैलाश पर्वत उठा लू ओर रावण ने कैलाश पर्वत जड़ से उड़ा लिया। उस ही वक़्त माता पार्वती महादेव की गोद में बैठी हुई थी कैलाश पर्वत को हिलाता देख माता ने कहा की स्वामी भूकंप आ गया तो महादेव ने कहा कि भूकंप नही रावण आ गया। रावण की इस हरकत से भगवान क्रोधित हो गए और रावण के दशो हाथों कैलाश पर्वत के नीचे 6 महीने तक दबाये रखा जिस के कारण रावण 6 महीने तक रोता रहा तब से देवो के देव महादेव ने लंकापति का नाम रावण(जो सदैव रोता रहे) रख दिया दिया।
6 महीने तक रोते रहने के बाद रावण ने भगवान शिव तांडव द्वारा स्तुति की जिस से प्रसन्न हो कर भगवान ने उसे छोड़ दिया ।
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” जटाटवी गलज्जलप्रवाह पावितस्थले गलेऽव लम्ब्यलम्बितां भुजंगतुंग मालिकाम्।
डमड्डमड्डमड्डमन्निनाद वड्डमर्वयं चकारचण्डताण्डवं तनोतु नः शिव: शिवम्
जटाकटा हसंभ्रम भ्रमन्निलिंपनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरी विराजमानमूर्धनि।
धगद्धगद्धगज्ज्वल ल्ललाटपट्टपावके किशोरचंद्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम: ।।
यही कारण है की कोई भी माता- पिता अपने बच्चे का नाम रावण (Ravan) नहीं रखते है।
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