Solar Eclipse 2022: 25 अक्टूबर मंगलवार को पृथ्वी पर आंशिक सूर्य ग्रहण दिखाई देगा। यह इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) होगा। यह यूरोप, पश्चिम एशिया और पूर्वोत्तर अफ्रीका के अलावा भारत के अधिकांश क्षेत्रों में भी देखा जा सकता है। आकाश में होने वाली घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए यह एक अच्छा अवसर है। यह सूर्य ग्रहण जहां भी दिखाई देता है, लोग इस नजारे को अपनी आंखों से देख सकते हैं। इसके अलावा सूर्य ग्रहण को फ्री में ऑनलाइन लाइव देखा जा सकता है। कैसे, आइए जानते हैं।
भारत में सूर्य ग्रहण का समय
आंशिक सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 2:28 बजे शुरू होगा, जब चंद्रमा सूर्य के सामने से गुजरेगा। यह ग्रहण शाम 6:31 बजे समाप्त होगा। अगर आपका शहर इस ग्रहण को कवर नहीं कर रहा है या खराब मौसम जैसे कुछ कारणों से आप सूर्य ग्रहण नहीं देख पा रहे हैं तो आप इसे ऑनलाइन लाइव देख सकते हैं।
‘वर्चुअल टेलीस्कोप प्रोजेक्ट 2.0’ के जरिए लोग 25 अक्टूबर को अपने घरों और दफ्तरों से आंशिक सूर्य ग्रहण देख सकेंगे। इस ग्रहण को रोम, इटली से फिल्माया जाएगा। आप इस लिंक पर क्लिक करके आंशिक सूर्य ग्रहण को लाइव देख सकते हैं। इस वेबसाइट की मोबाइल ऑब्जर्वेटरी टीम भी आंशिक ग्रहण का सीधा प्रसारण करेगी। इसे यूट्यूब चैनल पर भी देखा जा सकता है।
कब होता है सूर्य ग्रहण
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है। यह हमारे ग्रह पर छाया डालता है और सूर्य के प्रकाश को पूरी तरह या आंशिक रूप से अवरुद्ध करता है। 25 अक्टूबर का आंशिक ग्रहण 2022 का दूसरा आंशिक ग्रहण है। इससे पहले 30 अप्रैल को आंशिक ग्रहण देखा गया था।
सूर्य ग्रहण पूरी पृथ्वी पर एक साथ नहीं होता है
आंशिक सूर्य ग्रहण या पूर्ण सूर्य ग्रहण पृथ्वी के सभी भागों से एक ही समय में कभी भी दिखाई नहीं देता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रमा पृथ्वी से बहुत छोटा है और इसकी छाया केवल कुछ सौ मील चौड़ी है। इसका मतलब है कि यह एक समय में पृथ्वी के केवल एक हिस्से को कवर कर सकता है।
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आंशिक सूर्य ग्रहण का अर्थ
जब 25 अक्टूबर का सूर्य ग्रहण अपने चरम पर होगा, तो यह सूर्य की डिस्क का 82 प्रतिशत तक कवर कर लेगा। रूस में 80 प्रतिशत सूर्य ग्रहण दिखेगा। यह चीन में सूर्य की 70 प्रतिशत डिस्क, नॉर्वे में 63 प्रतिशत और फिनलैंड में 62 प्रतिशत को कवर करेगा, इसलिए यह आंशिक सूर्य ग्रहण है। ध्यान रहे कि यह पूर्ण सूर्य ग्रहण दुनिया में कहीं भी नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि चंद्रमा और सूर्य पूरी तरह से संरेखित नहीं होंगे। इस दौरान सूर्य आधा कटा हुआ दिखाई देगा।