हमारे प्यारे बच्चो, ट्रस्ट प्रबंधक सेवादारों व सेवादारों (Letter) आप सबको 75वें ‘स्थापना दिवस व 16वें जामे इन्सां गुरु का दिवस’ की बहुत-बहुत बुधाई व बहुत-बहुत आशीर्वाद। धन- धन सतगुरु तेरा ही आसरा। हमारे जान से प्यारे करोड़ों बच्चो आप सब अपने-2 गाँव व ब्लॉकों में जो ‘नामचर्चा’ कर रहे है उसके लिए हम परम पिता परमात्मा से यह प्रार्थना करते हैं कि वो आपको इसका ‘फल’ आगे से सैकड़ों गुणा बढ़ कर दें व जो आप ‘डेरों’ में आकर ‘नामचर्चा सत्संग’ सुनते है व सेवा करते हैं उसका फल आपको, हर बार, हजारों गुणा बढ़के दें।
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डा. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां आपको बहुत-बहुत खुशियाँ रूपी ‘फल’ जरूर देंगे। हमारे प्यारे बच्चो, जैसे आपको पता ही है कि हम आपके एमएसजी गुरु 1948 से ही सभी धर्मों का सत्कार करते हैं व ऊँच-नीच, जात-पात का भेदभाव नहीं करते तो आप सब भी हमारी उपरोक्त बातों को मानते है पर जो 100% इन बातों को मानेगा, परम पिता शाह सतनाम जी शाह मस्तान जी उन्हें तन्दुरूस्ती व रूहानी ताजगी बख्शेंगे। प्यारे बच्चो, भण्डारे के इस शुभ अवसर पर एक नया मानवता भलाई का कार्य शुरू कर रहे है।
आप रोजाना या 7 दिन में 3 बार आप अपने बच्चों को ‘मानवता व मानवता भलाई, सृष्टि की भलाई’ के बारे में शिक्षा देंगे, प्यार से समझाएंगे। (Letter) इस कार्य का नाम है ‘उत्तम संस्कार’ आप हाथ खड़े करें। नारा लगाएं। हाथ नीचे कर लें। सतगुरु जी आप सबको बहुत-बहुत नई खुशियां दें व आपकी सबसे बड़ी जायज मांग जल्द से जल्द पूरी करें, वो जरूर से जरूर पूरी करेंगे।
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हमारे अति प्यारे बच्चो, आप सब हमारी यानि आपके एमएसजी गुरु की बात मानते हुए, नामचर्चा व नामचर्चा सत्संग में ‘एकता व एक रहने का व अपने गुरु के ही बने रहने का प्रण करके नारा लगाते हो तो हम भी आपको वचन देते हैं कि हम ही आपके एमएसजी गुरु थे, हैं व रहते हुए, (Letter) आपके इस प्रण के बदले, हर बार परम पिता परमात्मा से आपको नई-2 रूहानी, नूरानी व दुनियावी खुशियां दिलवाते रहेंगे व आपके साथ व देह रूप में सामने आकर आप सबका मार्गदर्शन करते रहेंगे। शाह मस्ताना जी दाता ने 1948, 29 अप्रैल को नींव रखने के बाद, मई में पहला सत्संग डेरे में किया था तो मई के आखरी रविवार को, ‘‘सत्संग भण्डारा’’ मनाया करेंगे। आशीर्वाद।