केरल में राज्य साक्षरता प्रेरक संघ एक साक्षरता कार्यकर्ता (Literacy Worker) ने सैलरी न मिलने पर कथित तौर पर राज्य के कोल्लम जिले के पठानपुरम में आत्महत्या कर ली है। सर्वश्रेष्ठ साक्षरता कार्यकर्ता के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त करने वाले बीजूमोन ने गुरुवार को केरल में पिछले 6 महीनों से मासिक मानदेय का भुगतान न मिलने पर जीवन समाप्त कर लिया है।
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82 दिनों से साक्षरता प्रेरक संघ के लोग दे रहे हैं धरना
राज्य साक्षरता मिशन के ब्लॉक स्तर के नोडल अधिकारी 49 साल के साक्षरता प्रेरक ईएस बीजूमोन केरल के उन 1714 साक्षरता प्रेरकों में से एक थे जिन्हें राज्य सरकार के वित्तीय (Literacy Worker) संकट के कारण पिछले 6 महीनों से मानदेय से वंचित रखा गया है। उनकी मौत ऐसे समय में हुई जब प्रेरक पिछले 82 दिनों से बकाया भुगतान की मांग को लेकर राज्य सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं।
सीएम पिनाराई विजयन के हस्तक्षेप की मांग कर रहा है संघ
राज्य साक्षरता मिशन के सूत्रों ने कहा कि सरकार के वित्तीय संकट के अलावा स्थानीय स्वशासन विभाग के साथ प्रेरकों को फिर से तैनात करने में देरी के कारण साक्षरता प्रेरकों (Literacy Worker) का वेतन वेतन भुगतान करने में असमर्थ हैं। राज्य साक्षरता प्रेरक संघ के प्रदेश सचिव एए संतोष ने कहा कि अब वे इस मुद्दे में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।
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बीजूमोन कहते थे किसी के शहीद होने पर ही मिलेगा न्याय
“राज्य सरकार ने इस संबंध में स्थानीय निकाय विभाग में प्रेरकों की सेवाओं का उपयोग करने के लिए एक आदेश भी जारी किया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका क्योंकि (Literacy Worker) वित्त विभाग और स्थानीय निकाय विभाग दो अलग-अलग राय पर थे। उन्होंने कहा कि अब हम इस मामले में मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं। केरल साक्षरता प्रेरक संघ के जिला सचिव शीरजा ने कहा, “बिजूमोन कहा करते थे कि अगर कोई ‘शहीद’ हो जाता है, तभी हमें न्याय मिलेगा।
गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहे थे बिजूमोन
वह गंभीर वित्तीय संकट में थे और उसकी दो बहनें और एक बूढ़ी मां है। मृतक की मां विजयम्मा ने मीडिया को बताया कि अपने पिता की मृत्यु के बाद वह मेरी और मेरी बेटी की देखभाल कर रहे थे। हम उसकी अल्पाय पर जीवित थे। पिछले 6 महीनों में कई दिनों तक हमारे पास राशन खरीदने (Literacy Worker) तक के पैसे नहीं थे। केरल राज्य साक्षरता प्रेरक संघ के प्रवक्ता सी शीजा ने कहा कि बीजूमोन पिछले 25 वर्षों से राज्य साक्षरता मिशन से जुड़े हुए हैं। बीजूमोन की मृत्यु साक्षरता कर्मियों के प्रति सरकार की उदासीनता का शहीद है।