नई दिल्ली। Hot Flashes: मेनोपॉज शुरू होने से पहले या उसके कुछ दिनों बाद तक स्त्रियों के शरीर में हॉर्मोन संबंधी कई तरह के उतार-चढ़ाव आते हैं, जिससे कभी-कभी उनके शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है। यह बुखार नहीं होता, पर इससे उन्हें बहुत घबराहट महसूस होती है। कई बार एसी वाले कमरे में बैठने के बावजूद इन्हें घुटन, बेचैनी और पसीना आने जैसी समस्याएं परेशान करती हैं। मेडिकल साइंस भाषा में इसे हॉट फ्लैशेज कहा जाता है।
हॉट फ़्लैश के लक्षण दो से तीस मिनट तक चल सकते हैं। कई बार हॉट फ्लैशेस या तो दिन में कई बार या हफ्ते में कुछ दिनों महसूस हो सकते हैं। रात के वक्त तेज़ गर्माहट महसूस होने पर कई बार नींद भी डिस्टर्ब हो जाती है। इसको नाईट स्वेट कहा जाता है।
Hot Flashes का नेचुरल इलाज
– अपने कमरे का तापमान हमेशा ठंडा रखें।
– खानपान में गर्म और मसालेदार चीज़ों का इस्तेमाल न करें।
– चाय-कॉफी। का सेवन सीमित मात्रा में करें।
– ज्यादा मात्रा में ठंडा पानी पिएं और सूती कपड़े पहनें।
– आराम न मिले तो डॉक्टर से सलाह लें।
– दवाओं से भी इस समस्या को दूर किया जा सकता है, पर अपनी मर्जी से कोई दवा न लें।
सहज है यह प्रक्रिया Hot Flashes
मेनोपॉज के बाद शरीर में आने वाले हॉर्मोन संबंधी बदलाव के कारण स्त्रियों को कुछ शारीरिक- मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उम्र के इस दौर में ब्रेस्ट और एंडोमीट्रियल कैंसर की आशंका बढ़ जाती है इसलिए साल में एक बार मेमोग्राफ़ी, पेल्विक अल्ट्रासाउंड, पेपस्मीयर टेस्ट जरूर करवाएं।
– घी-तेल, मैदा, चीनी और सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूर रहें।
– अपनी डाइट में मिल्स प्रोडक्ट्स, दाल, फलों और हरी सब्जियों को शामिल करें।
– नियमित रूप से एक्सरसाइज और मॉर्निंग वॉक करें।
– यह शरीर की सहज प्रक्रिया है, इसके बाद भी स्त्रियां स्वस्थ और सक्रिय जीवन व्यतीत कर सकती हैं।