सोमवार को तुर्किये और सीरिया में आए भयानक भूकंप से मरने वालों की (Dangerous Earthquake) संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। जानकारी के अनुसार, अबतक इस भयानक भूकंप 15000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। अकेले तुर्किये में ही 9057 से ज्यादा लोगों की जान गई है। वहीं, सीरिया में 2662 लोगों की जान चली गई है। यही नहीं, 34000 से ज्यादा लोग घायल हैं। आपको बता दें कि राहत एवं बचाव दल हजारों इमारतों के मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश में दिन रात जुटे हैं। दुनियाभर के देशों की खोजी टीमें भी इमारतों के मलबे में फंसे लोगों को तलाश रही हैं।
मस्जिदों, स्कूलों या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लोगों ने लिया आश्रय
इस बीच सर्दी भी यहां पहले से पीड़ित लोगों पर और सितम ढहा रही है। बारिश और हिमपात आग में घी का काम कर रहे हैं। दक्षिण-पूर्वी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में 7.8 की तीव्रता वाले भयावह भूकंप से प्रभावित ज्यादातर लोगों ने मस्जिदों, स्कूलों या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर आश्रय लिया हुआ है। (Dangerous Earthquake) लेकिन वे सब ठसाठस भरे हैं और काफी संख्या में लोग खुले आसमान तले रातें काटने को मजबूर है। यही नहीं, उनके सामने भोजन व अन्य संकट भी पैदा हो गए हैं।
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तुर्किये के राष्ट्रपति ने भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा किया
तुर्किये के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में अब लगभग 60,000 सहायता कर्मी हैं, लेकिन तबाही इतनी व्यापक है कि बहुत से लोगों को अब भी मदद पहुंचने का इंतजार है। (Dangerous Earthquake) वहां प्रभावित मौत व जिंदगी के बीच झूल रहे हैं। इस बीच बुधवार को तुर्किये के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने कहा कि हम अपने किसी भी नागरिक को सड़क पर नहीं छोड़ेंगे। पीडि़तों की हरसंभव मदद की जाएगी। एर्दोआन ने बताया कि देश के 8.5 करोड़ लोगों में से 1.3 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं।
मलबे में फंसे लोगों को निकाला जा रहा
राहतकर्मियों ने अदियामन शहर में 10 वर्षीय बैतूल एडिस को मलबे से निकाला तो लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से बचावकर्मियों का स्वागत किया। (Dangerous Earthquake) घायल बच्चे का दादा ने प्यार से माथा चूमा और उससे बात की। उधर, कहरामनमारस शहर में बचाव दल ने एक तीन वर्षीय बच्चे आरिफ कान को एक ढह चुकी एक इमारत के मलबे के नीचे से निकाला।
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लड़के के पिता एर्टुगरुल कीसी को राहतकर्मी पहले ही मलबे से सुरक्षित निकाल चुके थे। पिता मलबे से अपने बच्चे को सुरक्षित निकाल एंबुलेंस में ले जाते देख अपने आंसू रोक नहीं पाया। (Dangerous Earthquake) इसी शहर के अली सगिरोग्लू ने कहा,’मैं अपने भाई और भतीजों को मलबे से वापस नहीं ला सकता। इधर-उधर देखिए यहां आज तक कोई अधिकारी या राहतकर्मी नहीं है। बच्चे ठंड से ठिठुर रहे हैं।’
तुर्किये में एक भारतीय लापता, 10 अन्य फंसे
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) संजय वर्मा ने कहा कि भूकंप के बाद तुर्किये के दूरदराज क्षेत्रों में दस भारतीय फंसे हुए हैं, लेकिन वे सुरक्षित हैं। एक अन्य नागरिक का दो दिनों से कुछ पता नहीं चल रहा। वह माल्टया की व्यापारिक यात्रा पर थे। हम बेंगलुरु में उनके परिवार और कंपनी के संपर्क में हैं। (Dangerous Earthquake) उन्होंने कहा कि तुर्किये में 3,000 भारतीय नागरिक हैं। इनमें से लगभग 1,850 इस्तांबुल में और 250 अंकारा में रह रहे हैं। लेकिन मलबे में अभी भी हज़ारो लोगो की दबे होने की आशंका जताई जा रही हैं|