नई दिल्ली। बरसात का मौसम आते ही मच्छरों का सैलाब आ जाता है। जगह-जगह पर गंदे और ठहरे हुए पानी की वजह से सैकड़ों मच्छर जन्म ले लेते हैं और इंसानों का जीना मुश्किल कर देते हैं। हालांकि, कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इस मौसम में शायद ही कभी कोई मच्छर काटता है, वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें मच्छर कुछ ज़्यादा ही काटते हैं।
एक्सपर्ट्स की मानें तो मच्छरों के ज़्यादा काटने के पीछे भी कई कारण हैं। एक तरफ आपके कपड़ों का रंग और पर्फ्यूम की सुगंध मच्छरों को आपकी तरफ खींच ला सकती है, वहीं दूसरी तरफ डेंगू बुखार और ज़ीका जैसी वजहें भी इन मच्छरों को एक व्यक्ति की तरफ खींचती हैं।
सेल जर्नल में छपी एक स्टडी में खुलासा हुआ कि ज़िंका और डेंगू बुखार जिन लोगों को संक्रमित करते हैं वे उन लोगों की खूशबू को भी बदल सकते हैं, जिससे और मच्छर आकर्षित होते हैं। वे संक्रमित खून को पीकर इसे दूसरे व्यक्ति में लेकर जाते हैं।
क्या होता है डेंगू बुखार?
डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है, जो मच्छरों द्वारा फैलता है। जिसकी वजह से मरीज़ को नीचे बताए गए लक्षण महसूस होते हैं:
दर्द
चकत्ते
बुखार
रक्तस्राव या गंभीर मामलों में मृत्यु
UConn हेल्थ के विशेषज्ञों का मानना है कि डेंगू और जीका लोगों को इस तरह से संक्रमित कर सकते हैं, जो अधिक मच्छरों को आकर्षित करते हैं। उदाहरण के तौर पर, इन वायरस की तरह मलेरिया और सूजन भी एक व्यक्ति की सुगंध को बदल देते हैं। यह वायरस त्वचा के माइक्रोबायोम को प्रभावित कर सकता है ताकि अधिक मच्छरों को आकर्षित कर सकें। इससे यह बात भी साबित होती है कि मच्छर के वायरस लंबे समय तक कैसे बने रहते हैं।
Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।