नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी सियासी उठापटक के बीच उद्धव गुट 16 बागी विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शिवसेना के व्हीप प्रमुख सुनील प्रभु ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उन 15 अन्य विधायकों के सदन से निलंबन की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिनके खिलाफ अयोग्यता याचिकाएं दायर की गई हैं। बता दें कि इन 16 विधायकों में महाराष्ट्र के नए सीएम एकनाथ शिंदे का भी नाम शामिल है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि वह इस पर 11 जुलाई को ही सुनवाई करेगी। तब महाराष्ट्र से संबंधित बाकी अर्जियों पर सुनवाई होगी। उद्धव गुट ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट को इसपर सुनवाई करनी चाहिए ताकि संविधान की दसवीं अनुसूची प्रभाव में बनी रहे और उसका उल्लंघन न हो।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मामले का उल्लेख करते हुए उद्धव ठाकरे खेमे के विधायक सुनील प्रभु की याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की, जिसमें शिवसेना के बागी विधायकों को सदन से निलंबित करने और उन्हें विधानसभा में प्रवेश करने या उनकी अयोग्यता का फैसला होने तक कार्यवाही में भाग लेने से रोकने की मांग की गई है।
राज्यपाल के आदेश को भी शिवसेना ने दी थी चुनौती
इससे पहले शिवसेना ने उद्धव ठाकरे सरकार को विधानसभा का विश्वास अर्जित करने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के आदेश को चुनौती दी थी। राज्यपाल कोश्यिारी ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे को निर्देश दिया था कि वे विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बहस के बाद राज्यपाल के आदेश को जायज ठहराया था और इसके तत्काल बाद ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था।
भाजपा के साथ मिलकर शिंदे ने बनाई सरकार
बता दें कि कल ही एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम के रूप में शपथ ली है। बागी विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई है। वहीं देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया है। महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद अभी बहुमत का इम्तिहान बाकी है। शिंदे ने दो दिन का विधानसभा सत्र बुलाया है जो कि कल से शुरू होगा। फिलहाल शिंदे गोवा पहुंच चुके हैं। वहां से वह बागी विधायकों को लेकर मुंबई लौटेंगे।