टर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप ने तबाही मची दी और (NGRI Scientist) उससे पहले उत्तरकाशी में आई दरारों के कारण भारत में भूकंपविज्ञानी सतर्क हो गए है। हैदराबाद स्थित NGRI के प्रमुख वैज्ञानिक की माने तो भारतीय प्लेट के सरकने से हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का खतरा बढ़ रहा है। जिसे देख वैज्ञानिको ने भारत में भूकंप आने की आशंका जताई हैं|
एक प्रख्यात मौसम विज्ञानी और भूगर्भीय विशेषज्ञ ने इस बात की चेतावनी दी है कि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट प्रतिवर्ष 5 सेंटीमीटर की दर से अपना स्थान बदल रही है। (NGRI Scientist) इससे हिमायल में खिंचाव बढ़ रहा है। इस कारण आने वाले दिनों में भूकंपों का खतरा बढ़ने की आशंका है।
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सरक रही है भारतीय प्लेट
21 फरवरी को हैदराबाद स्थित जियोफिजिकल रीसचर् इंस्टीट्यूट (NGRI) के प्रमूख वैज्ञानिक और भूकंप विज्ञानी डॉक्टर एन पूर्णचंद्रा राव ने कहा कि धरती का (NGRI Scientist) बाहरी हिस्सा विभिन्न प्लेट्स से बना है और यह लगातार गति कर रही हैं। भारतीय प्लेट हर साल 5 सेंटीमीटर खिसक रही है। इससे हिमायल में खिंचाव बढ़ रहा है और भूकंपों का खतरे बढ़ रहा है।
संवेदनशील है ये इलाके
वैज्ञानिक ने बताया कि उत्तराखंड में हमारे पास 18 भूकंप-लेखी केंद्रों का मजबूत नेटवर्क है। उत्तराखंड को शामिल करते हुए यह इलाका हिमाचल और नेपाल के पश्चिमी इलाके के बीच सेसमिक गैप के तौर पर जाना जाता है। यह क्षेत्र भूंकपों के मामले में संवेदनशील है और किसी भी समय यहां भूकंप आ सकता है। (NGRI Scientist) नेशनल सेंटर फॉर सेसमोलॉजी (एनसीएस) की जानकारी के अनुसार 20 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से 56 किलोमीटर उत्तर में 3.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
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हिमाचल में दर्ज किया गया भूकंप
NCS के मुताबिक, भूकंप का अधिकेंद्र धरती की सतह से 10 किलोमीटर गहराई में था। एनसीएस ने बताया कि 20 फरवरी की रात लगभग 10 बजकर 38 मिनट पर हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से 56 किलामीटर उत्तर में 3.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। (NGRI Scientist) भूकंप का अधिकेंद्र धरती की सतह से 10 किलामीटर गहराई में था। 19 फरवरी को भी आंध्र प्रदेश के नंदीगाम में भूकंप दर्ज किया गया था। हालांकि अच्छी बात यह हैं कि इस भूकंप में कोई जानी नुक्सान नहीं हुआ|