लखनऊ। संपत्ति: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपनी दूसरी पारी खेल रहे योगी आदित्यनाथ बेहद जुदा रूप में हैं। मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ने के क्रम में अपने मंत्रि परिषद के साथ सभी शीर्ष अफसरों को मिशन क्लीन में शामिल किया है।
एनेक्सी में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में बड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों से तीन महीने में अपनी तथा परिवार की संपत्ति को सार्वजनिक करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं इन सभी को अपनी समस्त चल-अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने इसमें सभी आइएएस, आइपीएस, पीसीएस तथा पीपीएस अफसरों से भी तीन महीन के अंदर उनकी सभी प्रकार की संपत्ति तथा पारिवारिक स्थिति का ब्यौरा मांगा है।
मुख्यमंत्री ने मंत्रि परिषद की बैठक में कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जनप्रतिनिधियों के आचरण की शुचिता अति आवश्यक है। इसी भावना के अनुरूप सभी मंत्रीगण शपथ लेने के अगले तीन माह की अवधि के भीतर अपने और अपने परिवार के सदस्यों की समस्त चल-अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करें। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का अक्षरश: अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सभी मंत्रीगणों के लिए निर्धारित आचरण संहिता का पूरी निष्ठा से पालन किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी मंत्रीगण यह सुनिश्चित करें कि शासकीय कार्यों में उनके पारिवारिक सदस्यों का कोई हस्तक्षेप नहीं हो। हमें अपने आचरण से आदर्श प्रस्तुत करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्री गण के साथ ही सभी लोक सेवक (आइएएस, आइपीएस, पीसीएस व पीपीएस अफसर) भी अपनी व परिवार के सदस्यों की समस्त चल/अचल संपत्ति की सार्वजनिक घोषणा करे। यह विवरण आमजनता के अवलोकनार्थ ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए।
मंत्रिपरिषद के समक्ष सभी विभागों के सांगठनिक व्यवस्था से अवगत होते हुए विगत पांच वर्ष में विभाग की उपलब्धियों के परिचय के साथ सौ दिन, छह माह, एक वर्ष, दो वर्ष और पांच वर्ष की कार्ययोजना का प्रस्तुतिकरण संपन्न हो चुका है। अब इस कार्ययोजना को यथार्थ रूप देने का समय है। सभी माननीय मंत्रीगण विभागीय अधिकारियों का मार्गदर्शन करें। परियोजनाओं में गुणवत्ता और समयबद्धता को सुनिश्चित कराएं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हम सभी को अंत्योदय के संकल्प को पूरा करने के लिए अभी से प्राण-प्रण से जुटना होगा।इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी मंत्रीगणों को सोमवार व मंगलवार को अनिवार्य रूप से राजधानी में रहना होगा। शुक्रवार से रविवार तक अपने निर्वाचन क्षेत्र/प्रभार के जिलों में जनता के बीच रहने का कार्यक्रम बनाएं।