उपायुक्त पार्थ गुप्ता (Partha Gupta) ने कहा कि जिला के जिल गांवों में फसल कटाई जारी है उन गांवों में गश्त को बढ़ाएं। सभी टीमें लगातार एक्टिव रहें तथा फिल्ड में ही रह कर कड़ी निगरानी रखें। किसानों को समझाएं कि अवशेषों में आग लगाने से पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ भूमि की उर्वरा शक्ति भी कमजोर होती है। इसलिए आग लगाने की घटनाओं को पूरी तरह बंद करना होगा और यह जिम्मेदारी हम सबकी है।
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उपायुक्त मंगलवार को अपने कैंप कार्यालय में फसल अवशेष प्रबंधन व सीआरएम योजना के कार्यान्वयन को लेकर अधिकारियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में एसएचओ सदर सुखदेव, एसएचओ रानियां राधेश्याम, एसएचओ डबवाली सदर प्रताप सिंह, उप निदेशक कृषि सुखदेव सिंह सहित कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद थे। उपायुक्त ने कहा कि जिला में फसल कटाई का कार्य जारी है, संबंधित टीमें अपने-अपने क्षेत्र लगातार निगरानी रखें। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष जलाने के मामले को लेकर संवेदनशील और अतिसंवेदनशील गांवो पर विशेष निगरानी रखी जाए। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के कृषि यंत्रों के अधिक से अधिक उपयोग के बारे में भी प्रेरित करें ताकि फसल अवशेष में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।
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उपायुक्त पार्थ गुप्ता (Partha Gupta) ने कहा कि किसान धान की पराली को जिला सिरसा में चयनित 14 गौशाला (गांव केलनीया, सुरतीया, झोरड़नाली, खेरेकां, मंगाला, बरोखां, भावदीन आदि) में चारा की मांग अनुसार 100/- प्रति क्विंटल के हिसाब से बेच सकते है। किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके वहां पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। वहीं सरकार से प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का आर्थिक लाभ भी उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेषों को अपनी जमीन में दबाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते हैं।