इस्लामाबाद। पाकिस्तानी के आर्थिक हालात श्रीलंका जैसे होने की कगार पर पहुंच गए हैं। दिवालिया होने की मुहाने पर खड़े पाकिस्तान ने 30 अरब पाकिस्तानी रुपये का अतिरिक्त कर लगाने का निर्णय लिया है। तेल और गैस भुगतान में चूक से बचने के लिए सरकार 100 अरब पाकिस्तानी रुपये जुटाने का प्रयास कर रही है। इस संबंध में उसने आइएमएफ से स्टाफ लेवल समझौता भी किया है।
डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल की अध्यक्षता में रविवार को कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक में उक्त निर्णय लिया गया। बैठक में बताया गया कि 153 अरब रुपये के प्राथमिक बजट अधिशेष के लिए आइएमएफ के साथ बजटीय प्रतिबद्धता निभाने के लिए अतिरिक्त कर लगाना आवश्यक है। ईसीसी ने वित्त विभाग और संघीय राजस्व बोर्ड को एक सप्ताह के भीतर टैक्स लगाने के संबंध में प्रस्ताव लाने का निर्देश दिया है।
डीजल के दाम बढ़कर हुए 244 रुपये
पाकिस्तान सरकार ने डीजल के दाम 8.95 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दिए हैं, जबकि पेट्रोल की कीमत में 3.05 रुपये प्रति लीटर कमी कर दी है। अब डीजल 244.95 व पेट्रोल 227.19 रुपये प्रति लीटर हो गया है। उधर, बिजली बिलों के माध्यम से करों के संग्रह पर छोटे खुदरा विक्रेताओं के कड़े विरोध के बीच वित्त मंत्री ने 150 यूनिट से कम के छोटे व्यापारियों को कर से छूट देने का फैसला किया है।
खर्च चलाने के लिए बेची जा रही सरकारी संपत्तियां
पाकिस्तान के डान अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने राज्य के सरकारी कंपनियों के शेयरों को बेचने के लिए कानून में संशोधन कराने का फैसला लिया है। हाल ही में पाकिस्तान सरकार वित्तीय संकट से उबरने के लिए दो सरकारी कंपनी एलएनजी आधारित बिजली परियोजना- बल्लोकी और हवेली बहादुर शाह को मित्र देशों को बेचने की भी योजना बना रही है। जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान में भी धीरे-धीरे श्रीलंका जैसे हालात बन रहे हैं।