ये है लेखक अरुण कुमार जो अपनी पत्नी के साथ दिन भर पटना की सड़कों पर खड़े रहकर अपनी किताब (Book) बेचते हैं!पटना यूनिवर्सिटी से गुजरते वक्त लोगों की नजर एक युवक और एक लड़की पर पड़ी. दोनों हाथों में पोस्टर लिए सड़क किनारे खड़े थे।
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पास में ही एक छोटी सी मेज थी, जिस पर करीब 10-12 किताबें रखी थीं। आसपास के लोगों से पूछने पर पता चला कि वह पिछले आठ घंटे से ऐसे ही खड़ा है और पिछले कई दिनों से दिन भर ऐसे ही खड़े रहकर अपनी किताबें बेचता है. पास में बैठने के लिए कोई कुर्सी या अन्य साधन नहीं था। लोग हैरान थे।
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न्हें पता चला कि दोनों पति-पत्नी हैं। पुस्तक (Book) की शुरुआत में ही एक दोहा लिखा था जो मंत्रमुग्ध कर देने वाला था। पोस्टर को हाथ में पकड़े युवती ने बगल में खड़े पोस्टर ब्वॉय की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसने किताब लिखी है- ‘वीरा की शपथ’ और यह उपन्यास 5 फरवरी को लॉन्च किया गया है. आप दिन भर पोस्टर हाथ में लिए खड़े रहते हैं, हाथ में दर्द नहीं होता? जवाब था- असफलता से बड़ा कोई दर्द नहीं होता। उनकी बातें लोगों के दिलों को छू जाती थीं और वे किताब खरीद कर चुपचाप वहां से चले जाते थे। पटना विश्वविद्यालय का सड़क किनारे का दृश्य सिखा रहा है कि मेहनती लोग कभी बहाने नहीं बनाते |
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