वाल्मीकि संत गुरु सम्मेलन का आयोजन वाल्मीकि चौक स्थित वीरेंद्र पेहवाल के निवास पर किया गया। इस सम्मेलन में भारत के अनेक प्रदेशों से पहुंचे संत, महंत, मठाधीश, महामंडलेश्वर, आचार्य और सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त विद्वान सहित बच्चे, बूढ़े महिलाओं सहित सभी वर्गों की भागीदारी रही। कार्यक्रम महामंडलेश्वर स्वामी संगम नाथ महाराज के दिशा-निर्देशन में हुआ। कार्यक्रम में अर्जुन वैद जयपुर ने सबका परिचय करवाया। इस अवसर पर वाल्मीकि (Vishva Valmiki) समाज के साथ-साथ धर्म जगत की महान् विभूतियों सहित सामाज के प्रबुद्ध जनों द्वारा चिंतन, मंथन कर सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक पर सभा को चेतना जागृत किया कि वर्तमान समय में एकता में संगठित होकर ही आप सब राजनीतिक समाधान कर सकते हैं।
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संगमनाथ महाराज ने कहा कि संगठित होकर अपने उद्देश्य में प्रदेश एवं राष्ट्र स्तरीय सभी कुछ प्राप्त कर सकते हैं। सामाजिक एकता में जो भी बाधक है, उनसे किनारा करें। सीधे तौर पर जो भी पार्टियां आपको अपने हकों को पीछे छोड़ती है, आप उनको अपने मताधिकार से परास्त करें। धार्मिक चिंतन में संतों ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी ने मानवता धर्म सर्वोपरि है, यही जो प्राचीन काल आदि काल से मानवीय सभ्यता, संस्कृति और संस्कारों सहित सत्य सनातन आदि धर्म है। महर्षि वाल्मीकि जी के ज्ञान, अमृत पावन योग वाशिष्ठ रामायण महाग्रंथ के अध्ययन से आप और हम प्रकार से, सब धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं।
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पुरुषोत्तम बन सकते है। धर्म परिवर्तन नहीं करना चाहिए। इस की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी कर्म नाथ महाराज ने की। तमिलनाडु से पहुंचे संत स्वामी एम जे राज महाराज कोलमल्लीई ने अपनी भाषा तमिल में एक घंटे तक अपने संबोधन में सबको चकित किया। उनके साथ आए राजिंदर सिंह पुलिस कर्मी ने उनके वक्तव्य को हिंदी में रुपांतरित करके बताया। इस मौके पर बालयोगी प्रगट नाथ महाराज, महामंडलेश्वर भवानी नाथ शंकर नंद गिरी, परमहंस स्वामी महंत बबला दास, स्वामी ब्रह्मानन्द, परमहंस स्वामी मिठ्ठूराम महाराज, योगी परमेश्वर नाथ, संत भीम नाथ महाराज दिल्ली, स्वामी विवेक नाथ, स्वामी एम जैयराज महाराज, स्वामी शिवामुनी महाराज, संत सुखविंदर नाथ महाराज, स्वामी शिव नाथ महाराज, साध्वी गीता भारती, संत केशव नाथ महाराज, संत यशपाल नाथ महाराज, संत मेघनाथ महाराज, संत संतोष गिरी महाराज, संत चेतन आनंद महाराज (Vishva Valmiki)
राजेन्द्र भारद्वाज, देवनाथ, रोशनी धोलपुरे, साधु राम बंसल सेवा भावी, कमल, मोहनलाल, मोहन परोसा, राम कुमार कलाकार, जसविंदर सिंह सहित बड़ी संख्या में संत समाज एकत्रित हुआ। बैठक में सिरसा वाल्मीकि समाज से डा. वीके नहर, जसवीर बागड़ी, दिलीप टांक, प्रोफेसर रविंद्र ढिल्लों, प्रहलाद, मेघनाथ, एडवोकेट संजू बाला, विनोद हिटलर, कुलदीप कांगड़ा, ललित चौहान, अमन आदिवंशी, अजय, विशाल धारीवाल, अनु नहर, ध्रिंकू दुलगाच, भगत धारीवाल सहित भारी संख्या में समाज के युवा साथी उपस्थित थे।