सिरसा। (सतीश बंसल) कालांतर में देखा-देखी के कारण व समाज (Elawadi) में अपने वर्चस्व को दिखाने के लिए मृत्युभोज रूपी परंपरा ने कुरीति का रूप धारण कर लिया है। इस कुरीति पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न समाजों ने भी पहल की है। इसी कड़ी में अरोड़ा समाज ने भी एक पहल की है और अरोड़ा परिवार के सलाहकार बोर्ड ने निर्णय लिया है कि अब अरोड़ा परिवार के जुड़ा कोई भी व्यक्ति किसी भी स्थानीय मृत्युभोज में भोजन ग्रहण नहीं करेगा व इस संदेश को अपने नजदीक के लोगों में भी फैलाएगा।
उक्त जानकारी अखिल भारतीय अरोड़ा एकता परिवार के अध्यक्ष भारत भूषण ऐलावादी ने मंगलवार को निजी रेस्तरां में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए दी। इस मौके पर उनके साथ इस मौके पर अखिल भारतीय अरोड़ा एकता परिवार से युवा अध्यक्ष वरूण छाबड़ा, कार्यकारी अध्यक्ष सतबीर धमीजा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र कटारिया, रमेश अरोड़ा, उपाध्यक्ष मीत बठला, मोहनलाल अरोड़ा, संजीव मुंजाल, प्रधान महासचिव सतीश सचेदवा, महासचिव रोबिन वधवा व संगठन सचिव सन्नी सिंह उपस्थित थे।
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ऐलावादी ने बताया कि मृत्युभोज पर भोज का आयोजन करना पुरातन व पारंपरिक प्रथा थी जो बरसों से समाज में निभाई जा रही थी। वर्तमान में इस परंपरा में जिसप्रकार अनावश्यक खर्च होने लगा है, उससे इस परंपरा ने एक कुरीती का स्वरूप धारण कर लिया है। (Elawadi) कभी यह परमंपरा विशुद्ध रूप से भाइचारे व समाज को इक_ा करने के लिये प्रयुक्त होती थी, लेकिन कालांतर में देखा देखी के कारण, समाज में अपने वर्चस्व को दिखाने व दिखावे के लिए इसने विकृत रूप धारण कर लिया। जहां पहले मृत्युभोज में दाल रोटी व अचार पंगत में परोसा जाता था, लेकिन अब यह आयोजन एक सामान्य शादी के मानिंद किया जाने लगा है जिसमें लाखों रूपए का खर्चा होने लगा।
अरोड़ा समाज के सामान्य परिवारों को इसके लिए रिश्तेदारों से कर्जा तक लेना पड़ता है। चार चरणों में इस पर अंकुश लगाया जाएगा, जिसमें पहला भोजन ग्रहण नहीं करेंगे, (Elawadi) दूसरा इसे सीमित किया जाएगा, तीसरा बाहर से आने वाले लोगों को ही भोजन करवाया जाएगा और चौथा सभी धर्मशालाओं में भी ये नियम लागू करवाया जाएगा कि वो बताने से ज्यादा भोजन न बनाए। वहीं इस साल 2023 के क्रियाकलापों बारे अध्यक्ष ने बताया कि इस साल 20 बच्चों की पढ़ाई का खर्च संगठन द्वारा उठाया जाएगा।
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5 जरूरतमंद कन्याओं की शादी में भी सहयोग करने का निर्णय लिया गया है। युवाओं को रोजगार के लिए एक विंग का गठन किया गया है और अब तक 180 युवाओं को रोजगार दिलवाया गया है। करियर कांऊसलिंग के लिए सेमीनारों का आयोजन किया जा रहा है। अध्यक्ष बीबी ऐलावादी ने बताया कि इस परंपरा को सीमित करने के लिए डा. आशीष खुराना के फार्म हाऊस पर एक मीटिंग हुई।
मीटिंग में विचार-विमर्श के बाद पांच सदस्यों की एक हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें वीरभान मेहता, अमीर चावला, श्याम बजाज, भूपेश मेहता व डा. प्रवीण अरोड़ा को मनोनीत किया गया है। (Elawadi) इस कमेटी द्वारा लिए गए निर्णयों से अखिल भारतीय अरोड़ा एकता परिवार अपनी रणनीति बनाएगा, ताकि मृत्युभोज पर होने वाले अनावश्यक खर्च से समाज के सामान्य परिवारों को निजात दिलाई जा सके।