आज PM मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ कार्यक्रम में छात्रों से किया संवाद| (Pariksha Pe Charcha) इस कार्यक्रम के लिए देश के 38 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन किया था| इस कार्यक्रम के दौरान छात्रों ने कई सवाल किए इनमें से एक जरूरी सवाल हरियाणा और जम्मू के छात्रों ने भी पूछा. हरियाणा के पलवल में शहीद नायक राजेंद्र सिंह राजकीय मौलिक संस्कृति वरिष्ठ विद्यालय में पढ़ने वाले 12वीं साइंस ट्रीम के छात्र प्रशांत ने पूछा कि तनाव, परीक्षा के परिणामों को किस तरह प्रभावित करता है? वहीं जम्मू से 10वीं क्लास की निदाह ने पीएम मोदी से पूछा कि जब हम मेहनत करते हैं लेकिन परिणाम नहीं मिलता तो डेड स्ट्रेस को सकारात्मक दिशा में कैसे लगाया जा सकता है? आइए जानते हैं मोदी द्वारा छात्रों को दिए गए मूल मंत्र|
सच्चाई का सामना करें
परीक्षा के परिणाम जो आते हैं उसके बाद जो तनाव है उसका मूल कारण एक तो हम परीक्षा देकर घर वालों को कहते हैं कि मेरा शानदार पेपर गया है, 90 तो पक्का हैं, बहुत अच्छा करेक (Pariksha Pe Charcha) आया हूं तो घर के लोगों का एक मन बन जाता है और हम को भी लगता है कि अगर गाली खानी ही है तो एक महीने बाद खाएंगे अभी तो बता दूं|
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इससे परिवार ने मान लिया होता है कि तुम सच बोल रहे हो और तुम अच्छा रिजल्ट लाने ही वाले हो, वे अपने दोस्तों को बताते हैं कि बहुत अच्छा किया है, बहुत पढ़ाई की… लेकिन जब रिजल्ट आता है 40 प्रतिशत, तब तुफान खड़ा हो जाता है और इसलिए पहली बात है कि हमें सच्चाई से (Pariksha Pe Charcha) मुकाबला करने की आदत छोड़नी नहीं चाहिए, हम कितने दिन तक झूठ के सहारे जी सकते हैं, स्वीकार करना चाहिए कि आज एग्जाम सही नहीं गया, कोशिश की थी लेकिन अच्छा नहीं गया. अगर पहले से ही आप कह देंगे और 5 मार्क्स ज्यादा आ जाएं तो घर वाले खुद कहेंगे कि तुम तो कह रह थे कि अच्छा नहीं गया. एक स्टैंडर्ड बन जाएगा|
कॉम्पिटिशन की भावना न रखें
दिन-रात कॉम्पिटिशन के भाव में जीते हैं. होनहार बच्चों से तुलना करते हैं, हम अपने लिए जीएं, अपने में जीएं और अपनों से सीखते हुए जीएं, सीखना सभी से चाहिए लेकिन (Pariksha Pe Charcha) अपने भीतर के सामर्थ पर बल देना चाहिए. अगर ये हम करते तो तनाव से मुक्ति की संभावनाएं बढ़ जाती हैं|
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एग्जाम एंड ऑफ द लाइफ नहीं होता…
जिस दिन मानते हैं कि यह एग्जाम गया तो जिंदगी गई फिर तो तनाव होना ही है. (Pariksha Pe Charcha) जीवन के स्टेशन में एक ट्रेन छूट गई तो दूसरी ट्रेन आएगी दूसरे बड़े स्टेशन पर ले जाएगी. एग्जाम एंड ऑफ द लाइफ नहीं होता|
तनाव से मुक्ति का संकल्प
हमें तनाव से मुक्ति का संकल्प लेना होगा. परिणाम के तनाव को मन में लेने की जरूरत नहीं है. हमें इस तनाव से मुक्ति का मन में संकल्प कर लेना चाहिए जो भी- जो भी आएगा (Pariksha Pe Charcha) मैं जिंदगी को जीने का तरीका जानता हूं मैं इससे भी निपट लूंगा और अगर आप ये कर लेते हैं तो यह आराम से हो जाता है. इसलिए मैं समझता हूं. इस प्रकार के तनाव को उतना मन में लेने की आवश्यकता नहीं है| PM मोदी द्वारा दिए गए इन सभी मंत्र को एक छात्र को अपने जीवन में अपनाना चाहिए|