अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री, हरियाणा कांग्रेस कमेटी की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और उत्तराखंड की प्रभारी कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के नाम पर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार की पोर्टलबाजी पूरी तरह फेल साबित हो रही है। विभिन्न पोर्टल व वेबसाइट पर मौजूद प्रदेश के लोगों का डाटा चोरी हो रहा है। गठबंधन सरकार की गलती से साइबर ठग लोगों के बैंक खाते साफ कर रहे हैं। ऐसे में सरकार की नाकामी से अपनी जमा पूंजी गंवाने वालों के नुकसान की भरपाई प्रदेश को करनी चाहिए। मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि पीपीपी, बिजली निगम व राजस्व विभाग के डाटा में सेंध लगने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
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कभी राजस्व विभाग में होने वाली रजिस्ट्री को पोर्टल पर अपलोड करने के बाद यहां से लोगों के फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग करके साइबर अपराधी उनके बैंक खातों को साफ कर देते हैं। यह राशि बिहार, महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाती है, ऐसे सबूत हरियाणा पुलिस को भी मिल चुके हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे पहले राजस्व विभाग की वेबसाइट से जमाबंदी का डाटा लीक हो गया था। इस डाटा से फिंगर प्रिंट उठाकर उसकी क्लोनिंग से बैंक खातों से रुपये उड़ा लिए गए।
हरियाणा पुलिस ने तो बाकायदा इस बारे में राजस्व विभाग को पत्र भी लिख दिया था कि उनकी वेबसाइट से लोगों के फिंगर प्रिंट की क्लोनिंग हो रही है। फरीदाबाद साइबर पुलिस तीन आरोपियों को बिहार से अरेस्ट भी किया था, जिन्होंने लोगों के खाते साफ किए। कुमारी सैलजा (Kumari Selja) ने कहा कि प्रदेश के 67 लाख बिजली उपभोक्ताओं का डाटा साइबर अपराधियों तक पहुंचना भी किसी से छिपा नहीं है। जिस तरह के मैसेज बिजली उपभोक्ताओं को मिलते हैं, उससे साफ है कि सरकारी डाटा में सेंध लग चुकी है।
लोगों के बैंक खाते खाली हो रहे हैं और प्रदेश सरकार कोई कदम नहीं उठा पा रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र के सर्वर में सेंधमारी की घटना किसी से छिपी नहीं है। यह सेंधमारी सॉफ्टवेयर में खामी के चलते होती रही। बाकायदा जब मीडिया में मामला उजागर हुआ तो जींद, फतेहाबाद, हिसार आदि जगहों से कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। कुमारी सैलजा ने कहा कि बार-बार हो रही घटनाओं से साफ है कि प्रदेश सरकार की किसी भी वेबसाइट पर लोगों का डाटा बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं है। प्रदेश के लोगों के डेटा को वेबसाइट पर डाल कर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने उनके लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर दी है, जो साइबर ठगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार की लापरवाही से ठगे गए लोगों के नुकसान की भरपाई अब प्रदेश सरकार को करनी चाहिए।