सिरसा, 17 जुलाई।(सतीश बंसल)। आज राजकीय मॉडल संस्कृत वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, बप्पा के प्रांगण में विश्व अंतर्राष्ट्रीय न्याय दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यशाला एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।कार्यक्रम की शुरुआत प्रार्थना सभा के दौरान हुई, जिसमें विद्यार्थियों को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) की स्थापना, उद्देश्य और न्याय की वैश्विक अवधारणा से अवगत करवाया गया। इसके उपरांत, शिक्षा विभाग द्वारा भेजे गए निर्देशों के अनुरूप एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यालय की 8 टीमों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिता के विजेता प्रथम स्थान पर प्रियंका, नेहा और जसप्रीत की टीम, द्वितीय स्थान (साझा): धीरेज, पलक, हरमन की टीम, ऋतु, रचना, सुखन्या की टीम और तृतीय स्थान पर जस्मीत, जसप्रीत और मोहिनी की टीम रही।
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कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री नरेश कुमार ग्रोवर (प्रवक्ता, अंग्रेजी) रहे, जिन्होंने अपने सारगर्भित वक्तव्य में बच्चों को बताया कि अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायालय की स्थापना 17 जुलाई 1998 को रोम संविधि के अंतर्गत की गई थी, और यह न्यायालय 1 जुलाई 2002 से अस्तित्व में आया। इसका मुख्य उद्देश्य युद्ध अपराध, मानवता के विरुद्ध अपराध, नरसंहार एवं आक्रामकता जैसे संगीन अंतरराष्ट्रीय अपराधों के लिए उत्तरदायित्व तय करना है। श्री ग्रोवर ने यह भी बताया कि ICC का मुख्यालय हेग (नीदरलैंड) में स्थित है और यह विश्व का पहला स्थायी अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय है, जो राष्ट्रों की सीमाओं से परे जाकर व्यक्तिगत अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाता है।
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उन्होंने बच्चों को यह प्रेरणा दी कि न्याय केवल राष्ट्रीय सीमाओं तक सीमित न रहकर वैश्विक स्तर पर भी उतना ही आवश्यक है। ऐसे दिवस हमें न्याय, मानवाधिकार और उत्तरदायित्व की भावना को सुदृढ़ करने का अवसर प्रदान करते हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रकाश सिंह, मनीष मेहता, रोहित, भरत भूषण, राजेश, विनीत बजाज, प्रिंस छाबड़ा, अवतार सिंह, मुंशी राम, सुखविंदर सिंह, प्रदीप कुमार, संदीप मेहरा, सुनीता कोहली, ऋतु, रचना मेहता, सरोज, पायल, सुखदेव, सुरेंद्र शास्त्री, प्रवीण कुमार, सुनील खुराना, दलजीत सिंह, रोहताश कुमार, भूपेंद्र सिंह आदि का सहयोग रहा। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में वैश्विक न्याय, मानवाधिकार और उत्तरदायित्व की भावना को विकसित करना था, जिसमें विद्यालय पूर्णतः सफल रहा।





