कानपुर। Rakesh Sachan लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) मंत्री Rakesh Sachan के न्यायालय से भागने के मामले को 24 घंटे से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन पुलिस ने प्रार्थना पत्र मिलने के बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की है।
न्यायालय से जुड़ा मामला होने के बाद भी पुलिस ने जांच कराकर कार्रवाई करने की बात कहकर टाला है। जबकि जो दस्तावेज एमएसएमई मंत्री लेकर भागे व सरकारी और महत्वपूर्ण दस्तावेज है।
प्रदेश सरकार के एमएसएमई मंत्री Rakesh Sachan 31 साल पुराने अवैध असलहा मामले में शनिवार को दोषी पाए गए थे। सजा के बिंदु पर भी सुनवाई पूरी हो गई थी। इसके बाद अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) तृतीय की कोर्ट सजा सुनाती इससे पहले ही वह अपने वकीलों की मदद से सजा का आदेश लेकर भाग निकले थे।
दिनभर के मंथन के बाद देर शाम न्यायालय के आदेश पर कोर्ट रीडर कामिनी रावत ने मंत्री के खिलाफ कोतवाली थाने में तहरीर दी थी। तहरीर मिलने और मुकदमा दर्ज करने की जानकारी देने से रात तक पुलिस अधिकारी और कर्मी कतराते रहे थे।
देर रात संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने कोतवाली थाने पहुंचकर मामले में बयान देते हुए कहा था कि मामला न्यायालय से जुड़ा है। इसमें अभी कई बिंदु स्पष्ट नहीं है। सभी बिंदुओं पर जांच कराने के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी। जो सरकारी दस्तावेज एमएसएमई मंत्री कोर्ट से लेकर भागे वह अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
पुलिस ने अहम दस्तावेज से जुड़े न्यायालय की रीडर के प्रार्थना पत्र को भी आम नागरिकों के प्रार्थना पत्र की तरह ही देखा। कई मामलों में होता है कि पुलिस पहले मुकदमा दर्ज करती है फिर मामले की जांच करती है, लेकिन सजा के आदेश को लेकर भी पुलिस गंभीर नहीं हुई। पुलिस ने जांच कराने के नाम पर मामले को टाला है।
मामला न्यायालय से जुड़ा और गंभीर है। पूरे घटनाक्रम में सीसी कैमरों के फुटेज बहुत ही अहम साक्ष्य है। रविवार को न्यायालय न खुलने से फुटेज चेक नहीं हो सके हैं। न्यायालय से अनुमति लेकर साक्ष्य जुटाए जाएंगे।– अशोक कुमार सिंह, एसीपी कोतावाली