सिरसा। (सतीश बंसल) राष्ट्रीय किसान नेता राकेश टिकैत गांव दड़बा कलां की (Rakesh Tikait) सरपंच व सरपंच एसोसिएशन की प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष बैनीवाल के दड़बा स्थित आवास पर पहुंचे। सरपंच संतोष बैनीवाल व समर्थकों ने उनका फूल मालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर सरपंच संतोष बैनीवाल ने राकेश टिकैत को ई-टेंडरिंग मुद्दे को लेकर चल रहे आंदोलन बारे विस्तार से बताया। राकेश टिकैत ने आंदोलन को लेकर कहा कि ये सरकार इतनी जल्दी से मानने वाली नहीं है।
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अगर आपको जीतना है तो आंदोलन को जोर शोर से जारी रखें, जीत आपकी होगी। पूर्व में हुए किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भी सरकार ने अपनी हठधर्मिता से देश को बर्बादी की कगार पर पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। आंदोलन के दौरान सैकड़ों किसान शहीद हो गए। जब सरकार को ये पता चल गया कि उनकी दाल नहीं गलने वाली है तो आनन-फानन में प्रधानमंत्री ने लाइव होकर तीनों कृषि कानून वापस लेेने का ऐलान कर दिया। टिकैत ने कहा कि अपनी जमीन बचाने के लिए बड़ा आंदोलन करना होगा।
उन्होंने कहा कि आज नौजवान सड़कों पर है, किसानों को फसलों के रेट नहीं मिल रहे, जिसका एकमात्र रास्ता आंदोलन ही है। टिकैत ने कहा कि बरसात व ओलावृष्टि से किसानों की सभी फसलें खराब हो गई, लेकिन अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। (Rakesh Tikait) उन्होंने कहा कि आगामी वर्ष देश के लिए आर्थिक दृष्टि से और भी मुश्किल होने वाला है। बड़े-बड़े उद्योगपति देश छोड़कर जा रहे हैं, कुछ को और अधिक मजबूती से बढ़ाया जा रहा है तो कुछ को खत्म किया जा रहा है।
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सरकार की ये सोच है कि बड़ी कंपनियों को फायदा कैसे होगा? सरपंचों, पहलवानों से लेकर कर्मचारियों के धरने चल रहे है । उनका दल एक गैर राजनीतिक दल है और वे राजनीति से उपर उठकर किसान व मजदूर के हक की बात करते है । आगामी चुनावों को लेकर टिकैत ने कहा कि अगर विपक्षी एकत्रित नही होंगे तो मारे जाएंगे। देश में बड़े जनआंदोलन की जरूरत है। (Rakesh Tikait) नशे की बढ़ती प्रवृत्त्ति पर राकेश टिकैत ने कहा कि पंजाब सबसे पहले नशे की गिरफ्त में आया था। नशा आगे न बढ़े और इसे कैसे रोका जाए, इसके लिए यूथ को जागरूक करना पड़ेगा। इस मौके पर गांव माखोसरानी के सरपंच सुभाष, कागदाना के सरपंच मांगेराम बैनीवाल सहित अनेक गांवों के सरपंच उपस्थित थे।