लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एमएलसी(MLC) अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपालजी को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने प्रतापगढ़ के जिला जज की कोर्ट से उनकी अपील को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है। न्यायालय ने अपील को सुनवाई के लिए अपर सत्र न्यायाधीश, एमपी-एमएलए कोर्ट, प्रतापगढ़ को स्थानांतरित करने का आदेश दिया है।
इसके साथ ही न्यायालय ने जिला जज द्वारा जारी जमानत खारिज किए जाने संबंधी नोटिस को भी स्थगित रखने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की एकल पीठ ने अक्षय प्रताप सिंह की स्थानांतरण याचिका को मंजूर करते हुए पारित किया। याची की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचजीएस परिहार ने बहस की।
याचिका में कहा गया है कि गलत पते पर असलहे का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट ने याची को 23 मार्च, 2022 को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई थी। उस निर्णय के विरुद्ध सत्र अदालत के समक्ष अपील पर याची को जमानत मिल गई। अपील की दो तारीखों पर हाजिर न होने पर जिला जज की कोर्ट ने याची को तलब करते हुए यह स्पष्ट करने को कहा था कि उसकी जमानत क्यों न खारिज की जाए।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में 16 अगस्त 2019 को हाई कोर्ट ने नोटीफिकेशन जारी करते हुए सांसदों-विधायकों(MLC) के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतों को नामित किया था। जनपद व सत्र न्यायाधीश, प्रतापगढ़ सांसदों-विधायकों के मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत के तौर पर नामित नहीं है। याची की अपील को विशेष अदालत को ही स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए था।