पंचकूला़- हरियाणा पशुपालन व महिला बाल विकास विभाग (Animal Husbandry Department) की आयुक्त एवं सचिव पी.अमनीत कुमार ने गोशाला संचालकों से आहन किया कि वह गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कदम उठाए । सरकार गोशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा गोवंश को चारे के लिए हर वर्ष 30 करोड़ रूपए का अनुदान दिया जाता है।
पी.अमनीत कुमार आज पंचकूला में माता मनसा देवी गोधाम का निरीक्षण करने आई थी। उन्होंने कहा कि वह पूरे प्रदेश की गोशालाओं का दौरा कर रही है ताकि गोशालाओं में अगर किसी सुविधा की कमी है तो विभाग की तरफ से उनकी मदद के लिए कदम उठाया जा सके। (Animal Husbandry Department) उन्होंने कहा कि गाय के गोमूत्र और गोबर से गोमूत्र प्राकृतिक फिनाईल, जैविक खाद, गोबर के बर्तन, प्राकृतिक पेंट, गमला दिया, धूप, साबुन और अन्य उत्पाद बनाए जा सकते है।
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उन्होंने माता मनसा देवी गोधाम की सराहना करते हुए विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह प्रदेश की खस्ता हालत गोशालाओं की सूची बनाकर उनके संचालकों का माडल गोशालाओं में दौरा करवाएं ताकि वह वह अपनी गोशालाओं के सुधार के कदम उठा सके। (Animal Husbandry Department) उन्होंने कहा कि गोशालाओं में सोलर पावर प्लांट लगाए जा सकते है और उन्होंने प्रदेश की 330 गोशालाओं में स्थापित सोलर पावर प्लांटों की रिपोर्ट विभागीय अधिकारियों से मांगी।
उन्होंने माता मनसा देवी गोधाम पं्रबंधक समिति के महासचिव डा. नरेश मितल से वहां के प्रबंधन के संदर्भ में पूरी जानकारी हासिल की। इस अवसर पर पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डा. अनिल बनवाला, पशु चिकित्सक डा. संगीता, डा. भारत भूषण सुनेजा तथा समाजसेवी मुकेश बंसल उपस्थित थे।
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विभागीय अधिकारियों को पशु कु्ररता निवारण समिति की बैठक हर माह बुलाने के निर्देश दिए:
पी. अमनीत कुमार ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पशु कू्ररता निवारण समिति की बैठक हर माह बुलाई जाए ताकि पशुओं पर होने वाले अत्याचारों पर लगाम कसी जा सके। (Animal Husbandry Department) उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि स्कूलों के विद्यार्थियों का दौरा गोशालाओं में करवाया जाए ताकि बच्चों को गायोंं के बारे में जानकारी हासिल हो सके। उन्होंने बताया कि प्रदेश में देसी गायों की नस्ल सुधार हेतू कैथल के क्योडक़, झज्जर के लकडियां, करनाल के उचानी और महेन्द्रगढ़ में 4 गोवंश सर्वधन एवं अनुसंधान केन्द्र स्थापित किए गए है। डा. अनिल बनवाला ने विभाग की अन्य गतिविधियों के बारे में उन्हे विस्तार से जानकारी दी।