सिरसा: सितंबर: (सतीश बंसल) विद्रोह, प्रतिरोध का स्वर पाश-काव्य (Poetry) का प्रतिनिधि स्वर है। इस स्वर और इसके विलक्षण काव्य-सौंदर्य बोध ने पाश-काव्य को विलक्षण एवं विराट आयाम प्रदान किए हैं। यह विचार अंतरराष्ट्रीय ख्यातिनाम जनकवि पाश के जन्मदिवस पर राजकीय महिला महाविद्यालय, सिरसा में आयोजित विचार गोष्ठी एवं कविता पाठ प्रतियोगिता में पंजाबी विभागाध्यक्ष डा. हरविंदर सिंह ने मुख्य वक्ता के तौर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आमजन को ज़ुबाँ प्रदान करने वाले पाश-काव्य से पंजाबी कविता को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिली है।
उन्होंने कहा कि पाश के जन्मदिन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कविता दिवस के रूप में मनाया जाना अपने आप में महत्वपूर्ण है। पंजाबी साहित सभा के संयोजक डा. हरविंदर सिंह, अध्यक्ष मुस्कान, उपाध्यक्ष आरज़ू व सचिव ईशनजोत कौर पर आधारित अध्यक्षमंडल की अध्यक्षता में संपन्न हुए इस कार्यक्रम में प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। विचार गोष्ठी में मुस्कान, आरज़ू, ईशनजोत व अमनदीप ने भी पाश के जीवन एवं कृतित्व के संबंध में अपने विचार व्यक्त किए और उनकी कविताओं की प्रस्तुति दी। इस कविता पाठ प्रतियोगिता के दौरान पंजाबी साहित सभा की सह-सचिव अमनदीप, वित्त सचिव यशिका व संगठन सचिव कमलदीप ने निर्णायकमंडल की भूमिका का निर्वहन करते हुए मनुराज को प्रथम, सिमरन को द्वितीय व मुस्कान एवं निरमपाल को तृतीय स्थान प्रदान किया। (Poetry)
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कविता पाठ प्रतियोगिता में विजेताओं सहित सभी प्रतिभागियों ने पाश रचित विभिन्न कविताओं की भावपूर्ण एवं ख़ूबसूरत प्रस्तुति दी। मुख्यातिथि के तौर पर अपने संबोधन में प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा ने उपस्थितजन का आह्वान किया कि वह पाश सरीखे कवियों-चिंतकों का गहन अध्ययन करते हुए अपने जीवन अनुभव को व्यापक बनाएं। उन्होंने विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत करने के अलावा पंजाबी साहित सभा की पदाधिकारी छात्राओं को भी सम्मानित किया। इस अवसर पर पंजाबी साहित सभा की ओर से मुख्यातिथि प्राचार्य प्रो. राम कुमार जांगड़ा को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन पंजाबी साहित सभा की अध्यक्ष मुस्कान व सचिव ईशनजोत कौर ने संयुक्त रूप से किया। (Poetry)