मुंबई, 10 दिसंबर (एजेंसी): भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बीते बुधवार को मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के उद्देश्य से द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दिया। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए GDP वृद्धि के अनुमान को सात फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है. RBI के बयान के मुताबिक, MPC सदस्य डॉ. शशांक भिडे, डॉ. आशिमा गोयल, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. माइकल देवव्रत पात्रा और शक्तिकांत दास ने पक्ष में और प्रोफेसर जयंत आर. वर्मा ने इसके खिलाफ मतदान किया। (Interest Rates)
Repo Rate वह ब्याज दर है जिस पर वाणिज्यिक बैंक अपनी तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्रीय बैंक से पैसा उधार लेते हैं। इसमें बढ़ोतरी का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेना महंगा होगा और मौजूदा कर्ज की मासिक किस्त (EMI) बढ़ जाएगी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी दी। रेपो रेट में बढ़ोतरी की यह रफ्तार पिछले चार बार में हुई बढ़ोतरी से कम है। RBI ने मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए मई से पांच बार रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि की है। मई में इसमें 0.40 फीसदी और जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की गई थी. केंद्रीय बैंक नीतिगत दर तय करते समय खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है और यह पिछले 11 महीनों से रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर बना हुआ है। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 6 फरवरी से 8 फरवरी 2023 के बीच होगी।
भारत आशा की किरण : शक्तिकांत दास: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि महंगाई का सबसे बुरा दौर बीत चुका है, लेकिन इस मोर्चे पर ढिलाई की कोई गुंजाइश नहीं है. दास ने कहा, ‘विकास के नजरिए से देखा जाए तो भारत को इस ‘निराशावादी’ दुनिया में उम्मीद की किरण के रूप में देखा जाता है। दुनिया के कई देशों में मंदी की भी आशंका है। RBI के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास सबसे पहले मुद्रास्फीति को 6 प्रतिशत के आरामदायक स्तर से नीचे लाना है।
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महंगाई दर 6 फीसदी से नीचे रहने का अनुमान: रिजर्व बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महंगाई दर छह फीसदी के स्तर पर आ जाएगी. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ‘अर्जुन की आंख’ की तरह महंगाई पर नजर रख रहा है. मूल्य की स्थिति से निपटने के लिए रिज़र्व बैंक एक ‘तेज़ और लचीला’ दृष्टिकोण अपनाएगा। जबकि कच्चे तेल सहित वैश्विक पण्य कीमतों में गिरावट आई है, अभी के लिए परिदृश्य अनिश्चित बना हुआ है। रिजर्व बैंक ने कहा कि सामान्य मानसून की स्थिति में अगले वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति क्रमश: 5 प्रतिशत और 5.4 प्रतिशत रहेगी | (Interest Rates)