Spiritual letter- हमारे प्यारे बच्चो, ट्रस्ट प्रबंधक सेवादार व सेवादारो, आप सबको महापरोपकार भण्डारे 33वें की बहुत-2 बधाई व बहुत-2 आशीर्वाद। धन-धन सतगुरु तेरा ही आसरा। अखंड सुमिरन व सप्ताह में दो नामचर्चा जरुर करा करें।हमारे करोड़ों प्यारे बच्चो, आज आपको हम इस भण्डारे की शुरूआत की कुछ बातें बताने जा रहे हैं। 22-9-90 की वो रूहानी, नूरानी शाम, जब मेरे कुल मालिक, सतगुरु जी,शाह सतनाम जी दाता ने हमें नूरानी गुफा में अपने रू ब रू बिठाया। सबसे पहले दाता जी ने वचन फरमाए आप (दास को) ठीक हो। सारा परिवार ठीक है? दास ने कहा सतगुरु जी आपकी कृपा है। फिर दाता जी ने बापू जी को फरमाया आपने कुछ कहिना है? बापू जी हाथ जोड़ कर कहिनेलगे पिता जी, मेरा सब कुछ तो ये (दास) ही हैं ये अब आपके हो गए तो आप हमारा घर, जमीन जायदाद सब ले लो जी और डेरे में एक कमरा दे दो जी। हम भी यहीं रह कर सुबह शाम आपके व इनके दर्शन करते रहेंगे।
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यह सारी बातें सुनकर दाता जी बहुत खुश हुए व वैराग्य में आकर वचन फरमाए बेटा (बापू जी को) तेरा सबसे कीमती व इकलौता खजाना तो हमने आप से ले ही लिया है और कुछ नहीं चाहिए। आप इन छोटे-2 बच्चों की संभाला करना। हाँ आप जब भी हमें (अपनी व दास की तरफ इशारा करके) बुलाओगे या याद करोगे तो हम आपके पास आ जाया करेंगे। फिर दाता जी ने दास को अपने पास बैठा कर आशीर्वाद देते हुए फरमाया कि आज से ही हम इन्हें दोनों जहाँ का रूहानी खजाना दे कर इन्हें रूहानियत से मालामाल करते हैं। आज से ये ही सारारूहानियत का कार्य किया करेंगे। यह कर दाता जी ने दास के सिर पर अपना कर कमल रखा व कन्धा थपथपाया। दास यह सब सुन व देख कर वैराग्य में आ गया। (Spiritual letter)
फिर दास ने दाता जी से अर्ज की कि दास तो अभी बहुत छोटा है इसलिए आप जी साथ रह कर साथ बैठ कर सारे कार्य करवाएं जी। दाता जी ने खुश होकर फरमाया हम तेरे साथ बैठ कर सब कार्य करवाएंगे। फिक्र ना कर आपां ही सब काम करेंगे। फिर 23-9-90 को दाता जी ने साध-संगत के सामने नूरानी कर कमलों से दास के गले में हार डाला व प्रसाद खिलाते हुए वचन किए अबसे तू नहीं तेरे में हम काम करेंगे। हम थे, हम हैं व हम ही रहेंगे। यह वचन दाता जी ने कई बार सेवादारों व साध-संगत को किए व यह भी वचन किए इस ठवकल (दास) में हम कम से कम 50-60 साल रूहानियत का कार्य करेंगे।तो हमारे करोड़ों प्यारे बच्चो हम आपके एम.एस.जी. गुरू आपको वचन देते हैं कि हम सतगुरु राम से, खुशियों के समुन्द्र, आपकी सबसे बड़ी माँग व एकता की बात आपके बीच आके पूरी करें व पूरी करवाएंगे, रामजी जल्द ही पूरी करेंगे, आशीर्वाद।आपका एम.एस.जी. गुरु दासन दास गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां (Spiritual letter)
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