नई दिल्ली: गुजरात पुलिस द्वारा शनिवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार की गिरफ्तारी पर इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने संतोष व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी के खिलाफ कहानियां गढ़ने और उन्हें सनसनीखेज बनाने की कोशिश के लिए कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई ठीक वैसी ही है जैसे उसने साल 1994 के दौरान इसरो जासूसी मामले में मेरे खिलाफ की थी।
गुजरात पुलिस ने किया गिरफ्तार
गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक आरबी श्रीकुमार को गुजरात पुलिस ने 24 जून को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद शनिवार को गिरफ्तार किया। कोर्ट ने 2002 के दंगों के मामले में गुजरात की एक अदालत द्वारा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को दी गई क्लीन चिट को बरकरार रखा है। एएनआई से बात करते हुए, नारायणन ने कहा कि आरबी श्रीकुमार ने शालीनता की सभी हदों को पार कर दी थीं। नारायणन ने श्रीकुमार पर उनके बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया है।
झूठे तौर पर फंसाने का आरोप
नारायणन ने कहा कि किसी को भी कानून की खामियों का फायदा उठाने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। बता दें, सीबीआई ने 1994 के इसरो जासूसी मामले में नंबी नारायणन को कथित रूप से फंसाने से संबंधित एक मामले में श्रीकुमार सहित चार लोगों को अग्रिम जमानत देने के केरल उच्च न्यायालय के अगस्त 2021 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उच्च न्यायालय ने मामले में श्रीकुमार और केरल के दो पूर्व पुलिस अधिकारियों और एक सेवानिवृत्त खुफिया अधिकारी को अग्रिम जमानत दी थी।
नंबी नारायणन और इसरो के एक अन्य पूर्व वैज्ञानिक ने पिछले साल अगस्त में इसरो साजिश मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम को बताया था कि केरल पुलिस और इंटेलिजेंस ब्यूरो के पूर्व अधिकारियों द्वारा उन्हें मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी गई थी। श्रीकुमार उस समय इंटेलिजेंस ब्यूरो के डिप्टी डायरेक्टर थे।